जल प्रदूषण क्या है जल प्रदूषण निबंध | Water pollution in Hindi 2022

जल प्रदूषण क्या है, जल प्रदूषण को कैसे नियंत्रित करे, जल प्रदूषित होने से कैसे बचाए।

Water polution in hindi, how to control water pollution, water polution in india

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आज के समय में धरती पर जल प्रदूषण बहुत ही ज्यादा मात्रा में बढ़ता जा रहा है जो मानव और जानवरों को दोनों को प्रभावित कर रहा है जब मानव की गतिविधि से उत्पन्न जहरीले पदार्थ होते हैं वह पीने के पानी को मेला कर देते हैं जिससे water pollution होता है।

कितने कि ऐसे स्त्रोत्र हैं जिनकी वजह से जल प्रदूषित हो रहा है जैसे कि कृषि, औद्योगिक, शहरी अपवाह, तलछट, भारत क्षेत्र से निक्षालन और पशुओं का अपशिष्ट और मानव की गतिविधियां इस सब की वजह से जल बहुत प्रभावित हो रहा है।

जल प्रदूषण।

Water pollution in Hindi

धरती पर जो जीवन का सबसे मुख्य स्रोत है वह है जल। कोई भी जीव जंतु खाना खाए बिना कुछ दिन बिता सकता है लेकिन वह पानी के बिना और oxygen के बिना एक भी मिनट नहीं बता पाता इसलिए पानी जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

आज के टाइम में अधिक पानी की मांग बहुत ज्यादा पड़ती जा रही है जैसे कि किसी इस्तेमाल में स्विमिंग पूल में औद्योगिक कार्यों में और ऐसे ही बहुत सारे उद्देश्य हैं जिनमें भरपूर पानी की मात्रा की जरूरत होती है।

आज के टाइम में जल प्रदूषित पूरे विश्व के लोगों के द्वारा किया जा रहा है बढ़ती मांग को देखते हुए जीवन की प्रतियोगिता के कारण जल प्रदूषण होता जा रहा है और कई सारी ऐसी मानव की क्रियाकलापों के द्वारा उत्पन्न कचरा पानी को खराब कर देता है और वह पानी के अंदर ऑक्शन की मात्रा को भी कम कर देता है ऐसे में जल की रासायनिक, भौतिक, थर्मल जैव रासायनिक विशेषताओं को कम करते हैं और पानी को बाहर से भी और अंदर से भी बहुत बुरी तरह प्रभावित करते हैं।

जब भी हम प्रदूषित हुआ पानी पीते हैं तो हमारे शरीर के अंदर बहुत ही खतरनाक रसायन और दूसरे pollution और बैक्टीरिया हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और शरीर की कार्य करने की क्षमता को बिगाड़ देते हैं और ऐसे में हमारा जीवन धीरे-धीरे खतरे में पड़ जाता है इसलिए हम बीमार पड़ जाते हैं और खतरनाक बीमारियों से घिर जाते हैं।

यह इतनी खतरनाक रसायन होते हैं जो पौधों के जीवन को और पशु पक्षियों के जीवन को भी बहुत बुरी तरह से प्रभावित करते हैं जो पौधे होते हैं मैं अपनी जड़ों से प्रदूषित पानी को सकते हैं तो वह पौधे धीरे-धीरे बढ़ना बंद हो जाते हैं और फिर धीरे-धीरे सूख जाते हैं।

उद्योग और जहाजों की वजह से जो तेल झलकता है उसकी वजह से समुंद्र में हजारों पक्षी मर जाते हैं।

कितना स्कोर की कृषि और खाद के उपयोग से जो रसायन बाहर आते हैं उसके कारण जल बहुत प्रदूषित होता है। जल प्रदूषण के प्रकार और मात्रा के आधार पर जो जल प्रदूषण है वह जगह के अनुसार बदलता रहता है और गहरा प्रभाव डालता है जो पीने का पानी होता है उसके गिरावट को रोकने के लिए बचाव के तरीके की तुरंत जरूरत है।

इसको धरती पर रह रहे सभी व्यक्तियों को समझना चाहिए और पानी का ज्यादा से ज्यादा बचाव करना चाहिए उस को प्रदूषित होने से रोकना चाहिए।

Water pollution in Hindi

धरती पर रह रहे जीव जंतुओं के लिए जल बहुत ही जरूरी है जल हर प्रकार के जीवन को संभव बनाता है यह जीव मंडल में परिस्थितियों को भी संतुलन में रखता है ऊर्जा उत्पादन 9 पीने और फसलों की सिंचाई बहुत सारे ऐसे उत्पादन है जिनको अच्छी तरह से रखने के लिए और उनके उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है।

आज के टाइम में जनसंख्या बढ़ती जा रही है जिसके कारण औद्योगिक करण भी बढ़ता जा रहा है और शहरीकरण भी बढ़ रहा है जो पानी के बड़े स्रोतों में और छोटे स्रोतों में कचरे की मिलावट कर रहे हैं जो पानी की गुणवत्ता को गिराता जा रहा है और पानी को प्रदूषित कर रहा है।

पानी के अंदर जो ओजोन होती है वह खतरनाक चीजों को मारता है पानी में उपलब्ध ओजोन के घटने के द्वारा जो जल के शुद्धिकरण क्षमता होती है वह घटती जा रही है जो चल का प्रदूषण है वह जल की भौतिक और जैविक विशेषताओं को बिगड़ता जा रहा है जो पूरे विश्व के अंदर पेड़ पौधों और मानव और पशु पक्षी के जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है।

जल के प्रदूषण के कारण पेड़ पौधों की बहुत सी ऐसी प्रजातियां हैं जो कि विलुप्त हो चुकी हैं और कुछ प्रजातियां ऐसी हैं जो विलुप्त होने की कगार पर हैं और यह एक वैश्विक समस्या है जो कि विकासशील और विकसित दोनों ही देशों को प्रभावित भी कर रही है।

मछली पालन, कृषि, खनन, स्टॉक बिल्डिंग और विभिन्न प्रकार के उद्योगों और शहर की मानव क्रिया और शहरीकरण के द्वारा उद्योग की बढ़ती हुई संख्याओं को देखते हुए पूरा पानी प्रदूषित होता जा रहा है।

अलग-अलग प्रकार के स्रोतों से निकलने वाला जल पदार्थ की विशिष्टता पर निर्भर है जल को प्रदूषित करने के बहुत सारे स्त्रोत्र हैं। सीवेज उपचार, उद्योग, संयंत्र, अपशिष्ट भराव क्षेत्र, और जो खतरनाक कूड़े की जगह से बिंदु स्त्रोत् है हो जिसके अंदर नाला और पाइपलाइन भी सम्मिलित है। 

तेल का जो भंडार होता है और उससे लिखकर तेल जो सीधा जाकर पानी के स्रोतों में कचरे को गिराता है जिसके कारण जल प्रदूषित होता है। बहुत सारे पशु संसाधन चारा और पार्किंग स्थल, कृषि संबंधित मैदान और सड़क की सतह में जल और शहरी सड़कों पर तूफान इत्यादि हैं जो बड़े पानी के स्रोतों में कचरे को मिलाता है जो जल को प्रदूषित करता है।

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पानी पर निबंध।

Water pollution in Hindi

जल प्रदूषण पूरे विश्व के लिए और पूरे पर्यावरणीय समाज के लिए एक सामाजिक मुद्दा है और यह अपने चरम बिंदु तक पहुंच चुका है जो राष्ट्र का पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान है जो कि नागपुर के अनुसार ध्यान में लाया गया है कि जो नदियों का जल बड़े स्तर पर 70 परसेंट तक प्रदूषित हो गया है।

भारत के जो मुख्य नदी है जैसे कि सिंधु नदी ब्रह्मपुत्र नदी गंगा नदी और दक्षिण तट नदी यह सभी बड़े पैमाने पर प्रदूषित होती जा रही हैं जो भारत की सबसे प्रमुख नदी है जिसका नाम गंगा है वह विरासत और संस्कृति से बहुत अधिक जुड़ गई है वहां पर लोग सुबह के टाइम जल्दी नहाने जाते हैं और किसी भी उत्सव में और भरत में गंगाजल से देवी-देवताओं अभिषेक करते हैं और अपनी पूजा पाठ के अनुसार गंगा जी के अंदर पूजन विधि से जुड़ी सामग्री डाल देते हैं।

और यह सभी एक कचरे के रूप में जमा हो जाती है जो पानी को प्रदूषित करती है इसलिए जल का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और पानी की क्षमता कम होती जा रही है।

इसलिए पानी को स्वच्छ और ताजा रखने के लिए सभी देशों में खासतौर से भारत के अंदर भारत सरकार के द्वारा इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

दूसरे देशों से ज्यादा भारत के अंदर जल का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है ज्यादा उद्योगीकरण के कारण भी जल बहुत प्रभावित हो रहा है  जल की स्थिति भारत के अंदर बहुत ही बिगड़ती जा रही है जो केंद्र का नियंत्रण बोर्ड है उसकी रिपोर्ट के अनुसार भारत के अंदर गंगा नदी को सबसे प्रदूषित नदी बताया गया है जो कि पहले अपनी शुद्धिकरण और अक्षमता के कारण तेज बहने वाली नदी के रूप में फेमस थी।

लगभग 10 कपड़ा मेल और 45 चमड़ा बनाने के कारखाने कानपुर में नदी के निकट है जिनका सीधा कचरा नदी के अंदर प्रवेश करता है और भारी मात्रा में कार्बनिक कचरा और सड़ा हुआ सामान नदी में पहुंचता है जिसके कारण नदी बहुत ही प्रदूषित हो रही है।

एक रिपोर्ट अनुसार भारत के अंदर गंगा नदी में 200 मिलियन लेटर औद्योगिक कचरा और 14 सौ मिलियन लीटर सीवेज रोज पानी के अंदर छोड़ा जा रहा है।

और ऐसे बहुत सारे दूसरे मुख्य उद्योग भी हैं जिनकी वजह से जल बहुत ज्यादा प्रदूषित हो रहा है जैसे कि ग्रीस्लीन, टीन, भट्टी, चीनी मिल, पेंट, कताई, सिल्क, रेयान, साबुन, सूत इत्यादि जो बहुत ही जहरीले कचरे को निकालते हैं।

एक बार 1984 दशक में गंगा जी के जल को प्रदूषित होने से रोकने के लिए गंगा एक्शन प्लान शुरू किया गया था और सरकार के द्वारा केंद्र की गंगा प्रदीकरण की स्थापना हुई थी।

और इसी योजना के तहत हरिद्वार से लेकर हुगली तक बड़े ही पैमाने पर जो 27 सालों के अंदर प्रदूषण फैला रही है वह लगभग 120 फैक्ट्रियां हैं जिन को चिन्हित किया गया था।

लखनऊ के पास जो गोमती नदी है उसमें लगभग 19.84 मिलियन गैलन कचरा चीनी, भट्टी, कागज, सीमेंट, कपड़ा, कताई, पेंट, वार्निश और भारी रासायनिक इत्यादि फैक्ट्रियों से गिरता है 

पिछले कुछ दशकों से यह स्थिति बहुत ज्यादा भयावह है होती जा रही है। जल प्रदूषण से बचाव के लिए सभी मानव नियमों और उद्योगों के नियमों को मानना चाहिए और प्रदूषण को नियंत्रित करना चाहिए और प्रदूषण के नियंत्रण बोर्ड को सख्त से सख्त कानून बनाने चाहिए।

और जो सीवेज है उसके निपटान सुविधा का प्रबंध करना चाहिए जल उपचार संयंत्र और सीवेज की स्थापना करनी चाहिए और शौचालय आदि का निर्माण करना चाहिए।

निष्कर्ष।

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