Scientist Kaise Bane | परीक्षा, योग्यता, सैलरी की संपूर्ण जानकारी।

Scientist Kaise Bane – Scientist ऐसे professional है जो किसी देश के vikas और अनुसंधान में important भूमिका निभाते है। Scientist बनने की इच्छा रखने वाले Students को उन कई चुनौतियों के लिए Mentally रूप से तैयार रहना चाहिए जिनका वे Scientist के रूप में samna कर सकते है क्योंकि ये career विकल्प सबसे kathin और समय लेने वाले CAreer में से एक है। अगर आप भी janna चाहते है कि Scientist Kaise Bane तो यहां आपको eske बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी।

Kisi संबंधित क्षेत्र में एक Scientist बनने में आपको 7-10 साल या उससे भी jyada समय लगता है। Scientist बनने का सपना तो सभी देखते है but बहुत कम ही ऐसे log होते हैं जो अपने dream को successfully हकीक़त में badal पाते है। इसके लिए उन्हें काफी struggle और कड़ी मशक्कत karni पड़ती है। भारत में वैज्ञानिक banna कोई आसान kaam नही है लेकिन यदि आप hmare द्वारा बताए गये important points का anusaran करें तो आप nischit ही एक अच्छे Scientist बनेगें।

अगर आपकी भी रूचि Scientist के field में है और आपको नयी-नयी चीजों का invention करने का shonk है तो इस पोस्ट में मैं आपको Scientist कैसे बने (How to Become a Scientist), योग्यता, Exam, salary, कोर्स detaiy आदि से related पूरी जानकारी प्रदान करने जा रहा हूँ।

साइंटिस्ट कौन होते है? | Who is scientist

एक वैज्ञानिक (Scientist) वह है जिसने science का अध्ययन किया है और Jiska काम विज्ञान में padhna या shodh करना है। Scientist शब्द से तात्पर्य एक aisa व्यक्ति से है जो science का Study कर रहा है तथा उसे natural और भौतिक science में से किसी एक या एक से adhik विषयों का kusal knowledge भी है। “वैज्ञानिक” शब्द Theologian Philosopher ‘विलियम व्हीवेल’ (William Whewell) द्वारा Diya गया था।

Scientist word सुनते ही हमे गर्व की anubhuti होती है। aksar देखा गया है कि जब हम किसी bache से पूछते हैं कि बोलो बेटा बड़े hokar क्या बनना चाहते हो, तो हमें अलग-अलग तरह के jawab मिलते है जिनमे से एक hmesha सुनने को मिलता है कि मैं बड़ा होकर Scientist बनूंगा।

Scientist Kaise Bane | परीक्षा, योग्यता, सैलरी की संपूर्ण जानकारी।

Scientist Kaise Bane | परीक्षा, योग्यता, सैलरी की संपूर्ण जानकारी।

Scientist यानि वैज्ञानिक बनने के लिए आपको 10th pass करने के बाद Physics, chemistry, biology, math जैसे विषयो का selection करना होता है। इसके बाद आप एम एससी, एम फिल, p.h.d, engineering आदि किसी भी subject में graduation और post graduation कर सकते है। अगर आप इसमें सफल होते है तो आप Scientist बंनने के लिए आयोजित पदों के लिए aavedan कर सकते है।

12th के बाद Scientist कैसे बनें?

अगर आप 12th बाद Scientist बनना चाहते है या जानना चाहते है कि Scientist Banne Ke Liye Kya Karna Padta Hai तो निचे आपको इसके बारे में step by step बताया गया है –

  • Scientist बनने के लिए सबसे पहले apko अपनी 10वीं एवं 12वीं की study science subject से उत्तीर्ण करनी होगी।
  • फिर आपको किसी भी मान्यता प्राप्त University या Organization से कम से कम 60% अंकों से अपनी बैचलर degree पूरी करनी होगी।
  • इसके बाद आपको किसी मान्यता प्राप्त organization से कम से कम 65% msrks के साथ एक विशिष्ट stream में मास्टर्स डिग्री करनी होगी।
  • साथ ही आप किसी भी research के क्षेत्र में पीएच.डी. में degree हासिल कर सकते है।
  • इसके बाद apko किसी भी anusandhan एवं प्रयोगशालाओं में internship करनी होगी।

साइंटिस्ट के प्रकार | Types Of Scientist

Scientist different type के होते है आप नीचे दिए career options में से किसी को भी चुन सकते है –

  • जियोलॉजिस्ट
  • जियोग्राफर
  • मरीन बायोलॉजिस्ट
  • एथोलोजिस्ट
  • जेनेटिसिस्ट
  • माइक्रोबायोलॉजिस्ट
  • प्लेनटॉलोजिस्ट
  • साइटोलॉजिस्ट
  • इकोलॉजिस्ट
  • एपिडेमियोलॉजिस्ट
  • फिजिसिस्ट
  • सीस्मोलॉजिस्ट
  • जूलॉजिस्ट
  • एग्रोनॉमिस्ट
  • एस्ट्रोनॉमर
  • बॉटनिस्ट
  • केमिस्ट

साइंटिस्ट कैसे बने की पूरी प्रक्रिया | How to become Scientist

अगर आप Scientist बनना चाहते है तो इसकी step by step प्रक्रिया नीचे दी गई है –

1. अपनी 11वीं-12वीं class PCB से पूरी करें

Scientist बनने के लिए students को एक ऐसा निर्णय लेना चाहिए जो उनके Scientist बनने के रास्ते को आसान कर दें। इसलिए उन्हें 10वीं class के बाद उस subject का अध्ययन करना चाहिए, जिसमें Unki रुचि हो और उस विषय में उच्च शिक्षा प्राप्त करना जारी रखें। Scientist बनने के लिए Student को अपनी 11th और 12th कक्षा PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) या math से पूरी करनी चाहिए।

2. सही stream से Graduation पूरा करें

Physics, chemistry, biology या math से स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद अगला बड़ा decision स्नातक (Graduation) और आगे की उच्च Education के लिए सही subject या Stream का चयन करना है। छात्र को यह सोचना चाहिए कि वे किस stream (BSc होनोर्स या BSc प्लेन) में जाना चाहते है और उसके बाद college चुनने का निर्णय लें।

3. अब अपनी Master Degree पूरी kare

यदि आपने अपना graduation पूरा कर लिया है, तो आप मास्टर डिग्री या पीएच.डी. डिग्री का option चुन सकते है। Master of science, संक्षिप्त रूप में MSc, 2 साल का PG science course है जो रसायन विज्ञान, Bhotiki, जीव विज्ञान, गणित, वनस्पति science, जूलॉजी, फार्मेसी और nursing जैसे वैज्ञानिक क्षेत्रों gehen व्यावहारिक और सैद्धांतिक knowledge प्रदान करता है।

4. इंटर्नशिप करें (internship)

आपके स्नातक और master degree के दौरान, विश्वविद्यालयों या कंपनियों की Anusandhan प्रयोगशालाओं में इंटर्नशिप करना बहुत महत्वपूर्ण है। intership के दौरान आपको अनुसंधान विधियों, प्रक्रियाओं और Scientist उपकरणों से अवगत कराया जाना चाहिए। Master degree के बाद आपको शोध सहायक के रूप में काम मिल सकता है।

Scientist Banne Ke Liye Eligibility

शैक्षिक योग्यता (Education Qualification)

Scientist बनने के लिए आपको 10th के बाद Physics, Chemistry, Biology, Maths जैसे subjects का चयन करना होता है। इसके बाद इन्हीं विषयों में Graduation और post graduation जैसे- एम एससी, एम फिल, पीएचडी, engineering आदि कर सकते है। अगर आप इसमें safal होते है तो आप Scientists के पदों के लिए Registration कर सकते है।

आयु सीमा (Age Limit)

एक Scientist वैज्ञानिक बनने के लिए कोई age limit निर्धारित नहीं है। Esiliye आप एक Scientist बनने के लिए किसी भी उम्र में Apply कर सकते है। Eske साथ ही आप किसी और विभाग में रहते हुए भी अपनी Research को जारी रख sakte है और successfully अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है

ISRO Me Scientist Kaise Bane

ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) हमारे desh को अंतरिक्ष और science के क्षेत्र में आगे badhne का कार्य करता है। इसरो में work करने वाले प्रत्येक Science दिन-रात अपने देश को आगे badhne के लिए काम करते रहते हैं। Agar आपका सपना भी ISRO के Scientist बनने का है तो आइये जानते है इसरो में Scientist कैसे बने (How to Become Scientist in ISRO)।

इसरो में Scientist बनने के लिए apko IIST (Indian Institute Of Space Technology) में admission लेना होता है। इस इंस्टिट्यूट में admission हो जाने पर ISRO उन विद्यार्थीयो को Directly साइंटिस्ट (वैज्ञानिक) के पद पर bharti कर लेता है। IIST में admission लेने के लिए student को class 12th में math और science विषय लेना पड़ेगा।

IIST में aap या तो 4 साल की B.Tech की degree ले सकते है या 5 साल का एक ड्यूल डिग्री program इस degree में आपको 7.5 CGPA mentain करना होता है और उसके बाद ISRO के पास जो भी Vacancy होती है वह usme आपकों नियुक्ति देता है। IIST में lagbhag जितने भी विद्यार्थी होते है उन्हें इसरो में सीधे job मिल जाती है।

ISRO (भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन) हर साल Scientist के पद के लिए देश के top college जैसे– IIT (Indian Institute Of Technology) और NIT (National Institute Of Technology) में जाते है और वहां पर जो candidates उन्हें अच्छे लगते है उनका interview लेकर उन्हें bharti कर लेते है।

ISRO में Scientist बनने के लिए कौन सी Exam होती है?

प्रत्येक साल इसरो एक exam आयोजित करता है, जिसे ‘ICRB’ यानी (ISRO Centralized Recruitment Board) Exam kehte है।

यह Exam तीन category में आयोजित करवाई जाती है –

  1. इलेक्ट्रॉनिक
  2. मैकेनिकल
  3. कंप्यूटर

आप बैचलर ऑफ़ engineering, बैचलर ऑफ़ science या बैचलर ऑफ़ technology करने के बाद यह exam दे सकते है। इस exam को देने के लिए apko कम से कम 65% Marks या उससे adhik लाने होंगे। यदि आपके college में CGPA का System है तो आपको कम से कम 6.84 CGPA लाना होगा।

Scientist Ki Salary kitni hoti hai

अगर हम बात Scientist Salary की करे तो यह पूरी treh Scientist के योग्यता, organization जहाँ से उसे डिग्री प्राप्त हुई है तथा qualification व अनुभव पर निर्भर करती है।

Scientist को शुरुआत से ही काफी अच्छी salary मिलती है। इन्हें ₹30,000 से लेकर के ₹1,00,000 प्रति month तक की salary मिलती है जो समय और Experience के साथ-साथ बढ़ती जाती है। Research के क्षेत्र में आज ऐसे बहुत से Scientist है जो हर Saal लाखों के पैकेज पर अपनी सेवाएं दे रहे है।

Scientist बनने के लिए प्रवेश परीक्षाएं

Scientist बनने के लिए अलग-अलग courses के हिसाब से होने वाली प्रवेश परीक्षाएं (Entrance Exam) इस parkar है –

BSc (बेचलर डिग्री)

  • JET
  • NPAT
  • BHU UET
  • SUAT
  • CUCET

मास्टर्स डिग्री

  • JNUEE
  • BHU PET
  • BITSAT
  • TISS NET
  • DUET
  • PhD
  • UGC NET
  • CSIR UGC NET
  • GATE

Top भर्तीकर्ता संस्थान

India में साइंटिस्ट बनने के लिए Top भर्तीकर्ता संस्थान इस प्रकार है –

  • भारतीय वायु सेना
  • मिनिस्ट्री ऑफ माइंस
  • राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन (NASA)
  • Indian अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
  • Indian पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)
  • Indian science शिक्षा और anusandhan संस्थान (IISER)
  • International फ्लेवर्स एंड फ्रैग्रेंस इंडिया लिमिटेड
  • राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (NCCS)
  • इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल Biology एंड रीजनरेटिव मेडिसिन (InStem)
  • वैमानिकी विकास ajency (ADA)

FAQs – साइंटिस्ट कैसे बने

1. India का सर्वप्रथम Scientist कौन था?

India के सबसे पहले Scientist श्री चंद्रशेखर वेंकटरमन थे।

2. World के सबसे महान Scientist कौन थे?

अल्बर्ट आइंस्टीन (1879-1955) को दुनिया का सबसे Mahan और Famous Scientist माना जाता है।

3. Scientist कितने प्रकार के होते हैं?

  • पृथ्वी वैज्ञानिक
  • जीव वैज्ञानिक (Biologists)
  • समाज वैज्ञानिक
  • गणितज्ञ वैज्ञानिक
  • प्रौद्योगिकी एवं कृषि वैज्ञानिक

निष्कर्ष।

दोस्तों आप मिसाइल मैन APJ Abdul Kalam को तो जानते ही होंगे और शायद वो आपके Ideal भी है। वो आज हमारे बीच नही है पर उनके Yogdan व कृतियां जग Famous है। इसी तरह यदि आपका सपना भी Scientist बनकर भारत देश में विभिन्न तरह के अविष्कार करके Desh का मान बढ़ाना है तो ऊपर बताई गयी ISRO Me Scientist Kaise Bane in Hindi आपके लिए important साबित होगी।

हमारे द्वारा दी गई जानकारी Scientist Kaise Bane | परीक्षा, योग्यता, सैलरी की संपूर्ण जानकारी। आपको पसंद आई होगी अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और हमें कमेंट बॉक्स में बताएं आपको यह जानकारी कैसी लगी।

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LIC एजेंट कैसे बनें: How to become LIC agent, salary, commission and examination details

LIC agent salary, LIC Agent Exam 2021, LIC Agent apply Online 2020, LIC agent commission, LIC Agent details, एलआईसी एजेंट कैसे बने।
 
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एक ऐसे परिदृश्य की कल्पना करें जहां आपको नौकरी नहीं मिल रही है या आप काम नहीं करना चाहते हैं, लेकिन पैसे की सख्त जरूरत है।  या, आप भविष्य के लिए बचत करते हुए परिवार के लिए अतिरिक्त पैसा बनाना चाहते हैं।
ये सामान्य स्थितियां हैं जिनका सामना लाखों भारतीय करते हैं।  लेकिन वास्तव में चिंता की कोई बात नहीं है।  भारतीय जीवन बीमा निगम या LIC के लिए धन्यवाद, आप एक LIC agent के रूप में काम कर सकते हैं और पैसा कमा सकते हैं।
और पैसा कमाना ही lic agent बनने का एकमात्र आकर्षण नहीं है: आपको आकर्षक salary, कमीशन और आजीवन पेंशन और विशेष क्लबों की सदस्यता जैसे भत्ते भी मिलते हैं।
अपने सपनों का घर खरीदने के लिए आपको loan बहुत कम ब्याज दरों पर मिल सकता है।  और आप उस प्रतिष्ठा का भी आनंद लेते हैं जो भारत सरकार के एक सम्मानित संगठन के लिए काम करने से आती है।

 

 lic agent कौन होता है?

Lic एजेंट एक बहुत ही प्रतिष्ठित पद है।  Lic agent के रूप में, आप उस चयनित समुदाय के सदस्य बन जाते हैं जो भारत के विशाल banking वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) उद्योग में काम करता है।
 LIC agent एक पुरुष या महिला कौई भी हो सकता है जो भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा शुरू की गई जीवन बीमा और अन्य बीमा पॉलिसियों को बढ़ावा देता है।
 वर्तमान में, एलआईसी विभिन्न प्रकार की जीवन बीमा योजनाएं प्रदान करता है।  मतलब, आप एलआईसी के इन वित्तीय उत्पादों को अपने सामाजिक दायरे के भीतर और बाहर प्रचारित करेंगे।
एलआईसी एजेंट कर्मचारी नहीं हैं: यह भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बीमाकर्ता द्वारा संभव बनाया गया स्वरोजगार या व्यवसाय का एक रूप है।

एलआईसी एजेंट कैसे बनें

(How to become LIC agent)

एलआईसी एजेंट बनना मुश्किल और आसान दोनों है।  यह आपके व्यक्तिगत skills और abilities पर निर्भर करता है।  अब मैं LIC agent बनने के विभिन्न चरणों का वर्णन करूंगा।
इसके अलावा, 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति और सफलतापूर्वक माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (एसएससी) पूरा कर चुका है, इसके समकक्ष या उच्चतर एलआईसी एजेंट बन सकता है।

चरण -1: एलआईसी पोर्टल (Lic portal)

lic agent बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पहला कदम एलआईसी पोर्टल के माध्यम से निगम को पंजीकृत करना है।
आपको अपना नाम, गांव, कस्बा, शहर या इलाके जहां आप रहते हैं, संपर्क नंबर और ईमेल आईडी और शैक्षणिक योग्यता सहित बुनियादी विवरण प्रदान करना होगा।
जबकि LIC portal यह नहीं कहता है, मेरा सुझाव है कि आप एलआईसी एजेंट बनने के कारणों के बारे में एक संक्षिप्त सारांश- दो या तीन वाक्य भी शामिल करें।  यह आपके पंजीकरण को संसाधित करने वाले एलआईसी अधिकारी के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है।
हालांकि, सबसे आसान तरीका है कि आप अपने नजदीकी lic office में जाएं या स्थानीय एलआईसी विकास प्रबंधक से मिलें।

चरण -2: साक्षात्कार पास करें

lic office में स्थानीय विकास अधिकारी या शाखा प्रबंधक द्वारा आपका साक्षात्कार लिया जाएगा।  अब याद रखना, इस इंटरव्यू को क्लियर करना बहुत जरूरी है।  जब तक आप इस चरण को सफलतापूर्वक पूरा नहीं कर लेते, तब तक lic agent बनने की आपकी महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ने की कोई संभावना नहीं है।
ऐसे कोई विशिष्ट प्रश्न नहीं हैं जिनके लिए आपको इस साक्षात्कार की तैयारी करने की आवश्यकता है।  अधिकारी आपके बारे में प्रश्न पूछेगा, आपके सामान्य ज्ञान का परीक्षण करेगा और आपसे धन और वित्त से संबंधित कुछ प्रश्न पूछेगा।
इसके अलावा, आपके लिए अज्ञात, अधिकारी आपके व्यक्तित्व का भी आकलन करेगा, जिस तरह से आप खुद को प्रस्तुत करते हैं, व्यवहार और भाषण की स्पष्टता, दूसरों के बीच में।

चरण -3: नि: शुल्क प्रशिक्षण

एक बार जब आप इस साक्षात्कार को सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं, तो अधिकारी आपसे एक निःशुल्क प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में नामांकन करने के लिए कहेगा।  आमतौर पर, यह आपके शहर में Lic office में आयोजित किया जाएगा।  यदि आप किसी कस्बे या गाँव में निवास कर रहे हैं, तो आपको उस निकटतम स्थान की यात्रा करनी होगी जहाँ यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया जाता है।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 25 घंटे की अवधि का है।  यह तीन से चार दिनों में फैलता है।  पाठ्यक्रम के दौरान, आप जीवन बीमा व्यवसाय के बारे में और इसमें क्या शामिल है, इसके बारे में जानेंगे।
आप भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) और जीवन बीमा को नियंत्रित करने वाले इसके नियमों के बारे में भी जानेंगे।
IRDAI, जैसा कि नाम से पता चलता है, भारत सरकार का एक संगठन है जो इस देश में बीमा व्यवसाय को नियंत्रित करता है।  इसलिए, lic agent के रूप में काम करने के लिए इस निकाय के बारे में जानना बेहद जरूरी है।

चरण -4: परीक्षा के लिए पंजीकरण करें

(Registration for exam)

अपना साक्षात्कार और प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, अगला कदम LIC agent test (PRT) के लिए registration करना है।  एलआईसी एजेंट पीआरटी के लिए पंजीकरण करने के दो तरीके हैं।
Online: IRDAI पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करें।
offline: नजदीकी एलआईसी शाखा कार्यालय में अपना पंजीकरण कराएं।
प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट के लिए रजिस्टर करने के लिए आप Lic development officer की मदद ले सकते हैं।  पंजीकरण के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
  • चार पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो।
  • आपके एसएससी या इसके समकक्ष या उच्च शिक्षा की डिग्री की मार्कशीट की फोटोकॉपी।
  • स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड की फोटोकॉपी।
  • रद्द किया गया चेक।

 

 यदि आपके पास बैंक खाता नहीं है, तो मैं आपको एलआईसी एजेंट प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट (पीआरटी) के लिए आवेदन करने से पहले एक खाता खोलने की सलाह देता हूं।  बैंक से चेक बुक प्राप्त करें।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद, आपको बैंक खाता खोलने के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं है।
आपका pan card ही काफी होगा।  हालांकि, आपको एक वैध पता प्रमाण जैसे राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या राज्य या केंद्र सरकार से कोई दस्तावेज देना होगा।
पैन कार्ड होना अनिवार्य है।  तो lic agent के लिए प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट के लिए आवेदन करने से पहले, आयकर विभाग से एक प्राप्त करें।

एलआईसी एजेंट परीक्षा के लिए शुल्क

(Fee for Lic agent examination)

IRDAI पोर्टल के मुताबिक, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की फीस ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के मुकाबले ज्यादा है।  शुल्क संरचना इस प्रकार है।
  • ऑनलाइन पंजीकरण और परीक्षा
  • पंजीकरण शुल्क: 150 रुपये।
  • ऑनलाइन प्रशिक्षण शुल्क: 150 रुपये।
  • अध्ययन सामग्री/पुस्तक: 200 रुपये।
  • प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट (ऑनलाइन) शुल्क: 500 रुपये।
  • कुल: 1,000 रुपये।
जब आप IRDAI के साथ ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं, तो आपको एक विशिष्ट संदर्भ संख्या और पासवर्ड प्राप्त होगा।  यूआरएन सहेजें।  आप पासवर्ड को बेहतर ढंग से याद रखने के लिए उसे बदल सकते हैं।
  • ऑफलाइन पंजीकरण और परीक्षा
  • पंजीकरण शुल्क: 150 रुपये।
  • अध्ययन सामग्री/पुस्तक: 200 रुपये।
  • प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट (ऑफलाइन) शुल्क: 500 रुपये।
  • कुल: 850 रुपये।

 

एलआईसी परीक्षा तिथियां

(Lic examination dates)

कोई निश्चित तिथि नहीं है जिस दिन आईआरडीएआई इच्छुक एलआईसी एजेंटों के लिए पूर्व भर्ती परीक्षा आयोजित करता है।  हालाँकि, एक बार जब आप प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट के लिए पंजीकरण कर लेते हैं, तो एलआईसी आपको परीक्षा की तारीखों और स्थानों के बारे में सूचित करेगा।
याद रखें, यदि आप ऑनलाइन पंजीकृत हैं तो नियमित रूप से आईआरडीएआई की जांच करना बेहतर है।  एलआईसी पोर्टल परीक्षा तिथियों के बारे में महत्वपूर्ण समाचार देता है।
यदि आपने LIC विकास अधिकारी या एलआईसी शाखा कार्यालय के माध्यम से offline registration किया है, तो आगामी प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट के बारे में जानने के लिए उनके साथ संपर्क में रहें।

एलआईसी बीमा एजेंट परीक्षा हॉल टिकट

एलआईसी एजेंट प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट के लिए ऑफलाइन आवेदक अपने नजदीकी एलआईसी कार्यालय से परीक्षा हॉल टिकट प्राप्त कर सकते हैं।  टिकट एलआईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सत्यापित होना चाहिए।
ऑनलाइन आवेदकों के लिए, एलआईसी एजेंट प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट के लिए हॉल टिकट आईआरडीएआई पोर्टल पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा।

एलआईसी एजेंट परीक्षा के लिए अध्ययन

(Lic agent examination preparation)

दरअसल, एलआईसी एजेंट प्रवेश परीक्षा के लिए अध्ययन करना – जिसे एलआईसी एजेंट प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट भी कहा जाता है, बहुत सरल है।
बस भारतीय बीमा संस्थान (III) की वेबसाइट पर जाएं और अध्ययन सामग्री डाउनलोड करें।  साथ ही, आपके पास IRDAI/LIC बुक है।
इसके अलावा, सामान्य ज्ञान को तेज करने के लिए बहुत सारे समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ें।

एलआईसी एजेंट परीक्षा पाठ्यक्रम

(Lic agent examination syllabus)

एलआईसी पाठ्यक्रम में अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं के साथ कुछ बुनियादी गणित और सामान्य ज्ञान शामिल हैं।
इसमें भारत में जीवन बीमा व्यवसाय को नियंत्रित करने वाले विभिन्न नियमों, विनियमों और कानूनों को भी शामिल किया गया है।  ये कानून IRDAI द्वारा बनाए गए हैं।
LIC agent examination या पूर्व भर्ती परीक्षा में बैठने से पहले आपको कम से कम 100 घंटे का अध्ययन पूरा करना होगा।

जीवन बीमा एजेंट परीक्षा प्रश्न व उत्तर

LIC agent examination

अब हम परीक्षा में ही आते हैं।  जैसा कि मैंने पहले बताया, इस परीक्षा को प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट कहा जाता है।  अन्य इसे एलआईसी एजेंट परीक्षा कहते हैं।
  1. यह परीक्षा 60 मिनट की अवधि की होती है। आपको 50 प्रश्न दिए जाएंगे।
  2. ये प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होते हैं- यानी आपको दिए गए विकल्प में से सही विकल्प का चयन करना होता है।
  3. प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का है।  यानी पूरी परीक्षा 50 अंकों की होती है।
  4. काम करने के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए आपको Lic agent की परीक्षा में कम से कम 18 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता है।  आपको जितने अधिक अंक मिलेंगे, उतना अच्छा होगा।

एलआईसी एजेंट बनें

(Become LIC agent)

प्री रिक्रूटमेंट टेस्ट को सफलतापूर्वक पास करने के बाद, आप LIC agent बनने के लिए तैयार हैं।  एलआईसी आपको उनके अधिकृत एजेंट के रूप में नामित करते हुए एक नियुक्ति पत्र जारी करेगा।  एलआईसी एजेंट के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए आपको आईआरडीएआई से लाइसेंस भी मिलेगा।
याद रखें, आप निगम से सिर्फ एक नियुक्ति पत्र के साथ एलआईसी एजेंट नहीं बन सकते।  इस व्यवसाय में आने से पहले आपको IRDAI से बीमा एजेंसी लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है।

एलआईसी एजेंट वेतन और कमीशन

(Lic agent salary and commission)

एलआईसी एजेंट न्यूनतम वार्षिक लक्ष्य:
अब जब आप जानते हैं कि एलआईसी एजेंट कैसे बनें, तो आइए एक नजर डालते हैं कि आप कितना पैसा कमा सकते हैं।
आपको पहले वर्ष के दौरान जीवन बीमा पॉलिसीधारकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम का 35 प्रतिशत मिलता है।
यदि आप अधिक मेहनत करते हैं और अधिक लोगों को LIC जीवन बीमा खरीदने के लिए कहते हैं, तो आप प्रथम वर्ष के कमीशन पर 40 प्रतिशत तक बोनस प्राप्त कर सकते हैं।  अन्य नियम और शर्तें भी हैं।
Lic agent salary: यदि आप 15 वर्ष की न्यूनतम व्यावसायिक गारंटी पूरी करते हैं तो सेवानिवृत्ति लाभ या रु.200,000 तक की ग्रेच्युटी दी जाएगी।  इसका मतलब है कि एलआईसी उन लोगों से प्रीमियम प्राप्त करेगी, जिन्हें आपने सेवानिवृत्ति के बाद अगले 15 वर्षों के लिए एलआईसी जीवन बीमा बेचा था।
यदि किसी कारण से एलआईसी एजेंट की मृत्यु हो जाती है तो परिवारों को वंशानुगत लाभ उपलब्ध हैं।  इसके लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए, एलआईसी एजेंटों ने मृत्यु से पहले प्रीमियम में 100,000 रुपये की जीवन बीमा पॉलिसियों को बेचा होगा।  एलआईसी एजेंट के नॉमिनी या कानूनी वारिसों को वंशानुगत लाभ दिए जाते हैं।
यदि आपने 200,000 रुपये का प्रीमियम अर्जित किया है और किसी भी कारण से एलआईसी के लिए काम करना बंद कर दिया है या एजेंसी खो दी है, तो निगम अपने कमीशन का भुगतान करना जारी रखेगा।
जब आप एलआईसी एजेंट के रूप में काम करते हैं तो अधिक एलआईसी जीवन बीमा पॉलिसियों को बेचने के कारण आपकी आय अपने आप बढ़ जाती है।  आपकी आय की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
पॉलिसी बेचने के अगले दो वर्षों (वर्ष-2 और वर्ष-3) के दौरान, आपको एलआईसी जीवन बीमा पॉलिसी धारक द्वारा भुगतान किए जाने वाले कुल वार्षिक प्रीमियम का 7.5 प्रतिशत की दर से कमीशन मिलेगा।
पॉलिसी के वर्ष-4 से, आपको एलआईसी को भुगतान किए गए वार्षिक कमीशन का पांच प्रतिशत उस व्यक्ति द्वारा मिलेगा जिसके जीवन का आपने बीमा कराया है।
lic अपने agents के लिए मानार्थ जीवन बीमा कवर प्रदान करता है।  मतलब, उनके परिवारों को एलआईसी एजेंट की अकाल मृत्यु के कारण बीमा भुगतान प्राप्त होगा।

एलआईसी एजेंटों के लिए भत्ते

एक बार जब आप एलआईसी एजेंट बन जाते हैं, तो कड़ी मेहनत को पुरस्कृत करने के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।
शाखा प्रबंधक क्लब में प्रवेश: नव नियुक्त एलआईसी एजेंटों के लिए जो असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
मंडल प्रबंधक क्लब: जब आप शाखा प्रबंधक क्लब के सदस्य के रूप में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं।  आपका प्रदर्शन आपके क्लब की स्थिति को बढ़ाता है।

आप भी पहुँच प्राप्त करते हैं: एलआईसी एजेंट बनने के फायदे

  • मंडल प्रबंधक क्लब
  • प्रेसिडेंट क्लब
  • कॉर्पोरेट क्लब
  • एलआईसी एजेंटों के लिए अधिक लाभ
  • इसके अतिरिक्त, आपको पैसे बचाने के लिए कई वित्तीय लाभ मिलते हैं।
  • ब्याज मुक्त वाहन ऋण।
  • कम ब्याज वाला होम लोन।
  • कार्यालय रखरखाव भत्ता।
  • फर्नीचर भत्ता।
  • त्योहार समारोह के लिए अग्रिम,
  • मोबाइल और लैंडलाइन टेलीफोन बिलों की प्रतिपूर्ति।
  • एलआईसी सिटी करियर एजेंट
  • महानगरों में LIC एक विशेष श्रेणी के तहत जीवन बीमा एजेंटों की नियुक्ति करती है।  उन्हें सिटी करियर एजेंट या सीसीए कहा जाता है।
ऊपर सूचीबद्ध लाभों के अलावा, CCA को LIC से 7,000 रुपये का मासिक वजीफा भी मिलता है।  यह भारत के मेट्रो शहरों में रहने की उच्च लागत के कारण है।

LIC AGENCY की मुख्य विशेषताएं

क्या आप जानते हैं कि एलआईसी एजेंट बनने के पैसे कमाने के अलावा और भी कई फायदे हैं?
लाइफटाइम इनकम: एलआईसी आपको उन पॉलिसियों के प्रीमियम पर कमीशन देता है, जिन्हें आपने रिटायर होने के काफी समय बाद बेचा था।
कुछ एलआईसी एजेंट प्रति माह 1.2 मिलियन से 1.5 मिलियन रुपये के बीच कमाते हैं, जो भारत में सबसे अच्छी भुगतान वाली नौकरियों से अधिक है।
आप ऑनलाइन एजेंसी खोलकर भी एलआईसी पॉलिसियों को बेच सकते हैं।
सुरक्षित होने के लिए आईडी कार्ड को प्रमाणित किया गया है, जिसके प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।

एलआईसी एजेंट के रूप में फ्लिपसाइडside

सितंबर 1956 से, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने भारत के जीवन बीमा क्षेत्र पर पूर्ण एकाधिकार का आनंद लिया।
भारत सरकार ने साल 2000 में इस तरह के घरेलू और घरेलू वातावरण को फिर से चालू किया और फिर ऐसे में बदल दिया।
व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग पहलुओं से वार्ताएं, विशेष रूप से व्यक्ति के साथ सम्पादक दल से।
‘मध्यम कक्षा’ के लिए उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
उच्च रोग और संचार रोग संचार में रोगाणुओं की बीमारी।
बीमाकर्ताओं द्वारा किसी भी कारण से दावों को खारिज किए जाने का डर कोई भी ठीक प्रिंट नहीं पढ़ता है और अस्वीकृति की कहानियां तेजी से फैलती हैं।
जीवन क्षेत्र में व्यक्तिगत और शक्तिशाली उत्पादों में शामिल हैं।
उच्च रक्तचाप वाले क्षेत्रों में हैं।
आयु वर्ग के लोगों को आयु बढ़ाने के लिए वे सक्रिय रहते हैं।  कुछ बीमाकर्ता 99 साल तक चले जाते हैं – ऐसा कुछ जिसे एलआईसी आसानी से हरा नहीं सकता है।
व्यक्तिगत और जेवी संचार वाले जीवन, स्वस्थ और स्वस्थ रहने वाले व्यक्ति, एक एकल, सर्व-उद्देश्यीय जीवन में अच्छी तरह से अनुकूल होते हैं।
संभावित शक्तिशाली जीवन संभावित ग्राहकों के लिए शक्तिशाली जीवन शक्तिशाली जीवन साथी शक्तिशाली हैं।
भारत सरकार की भारत और भारतीय डाक डाक जीवन जीवामृत (PLI) जीवन में सकारात्मक गुणों के साथ मिलकर काम करेगा।

निष्कर्ष के तौर पर (Conclusion)

फ़्लिपसाइड के बावजूद, LIC AGENT बनने के बहुत मजबूत कारण हैं।  साल चालान 2018-2019 के वचन, 1 अप्रैल, 2018 से 31 अगस्त, 2018 तक, जीवित रहने वाले व्यवसाय से संवत आधार पर 6.20 प्रतिशत नया 755.88 अरब अरब (11.28 अरब अरब डॉलर)
बाजार के नए साल, साल 2020 तक, भारत का जीवन उद्यम 330 अरबों डॉलर का आंकड़े पर कर कर।  अनिवार्य रूप से शामिल होने के तरीके में शामिल हैं और जीवित रहने वाले हैं।  आप यह धन के रोग है।
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इंजीनियर कैसे बने, और इंजीनियरिंग करने के लिए कौन सा कोर्स करें, how to become an engineer

Hwo to become an engineer, engineer in hindi, इंजिनियर कैसे बने।

आज के टाइम में हर बच्चा कुछ बड़ा करने की सोचता है अगर आप स्कूल लाइफ में है तो आपके मन में भी यही चल रहा होगा कि आपको बड़ा होकर क्या बनना चाहिए,

हो सकता है आपने पहले से ही फैसला कर लिया हो कि आपको क्या बनना है, आप किसी भी क्षेत्र के अंदर अपना भविष्य बना सकते हैं अगर आजकल के बच्चों से पूछा जाए कि बड़े होकर क्या करेंगे तो उनका एक ही जवाब होता है कि उनको इंजीनियर बननाहै,

और आज के टाइम में आपको हर दूसरे घर में एक इंजीनियर जरूर देखने को मिलेगा क्योंकि आज के टाइम में इंजीनियरिंग एक बहुत ही प्रचलित कोर्स हो गया है आज की बदलती टेक्नोलॉजी में engineering की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है

अक्सर आजकल के जो बच्चे हैं उनका इंजीनियर बनने का सपना होता है वह school के दिनों से ही अपनी इंजीनियरिंग की तैयारी शुरू कर देते हैं।

अगर बात करें इंजीनियरिंग की तो इंजीनियरिंग की शुरुआत स्कूल से ही हो जाती है वह इसलिए जिस छात्र को इंजीनियरिंग करनी होती है वह 11th क्लास में साइंस स्ट्रीम लेता है

साइंस स्ट्रीम मतलब आपको कुछ महत्वपूर्ण subjects का चुनाव करना पड़ता है जिसमें भौतिक विज्ञान, गणित और रसायन विज्ञान पढ़ना होता है और 12वीं के अंदर भी इन्हीं विषयों को पढ़ाया जाता है और उसके बाद आप किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं

हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं कि इंजीनियर क्या होता है, इंजीनियरिंग करने के लिए कोर्स कौन सा किया जाता है, और इंजीनियरिंग के प्रकार कितने होते है, और एक सफल इंजीनियर कैसे बने, आज इस सब के बारे में हम आपको जानकारी देने वाले हैं,

 

इंजीनियरिंग क्या है। (How to become an engineer)

Engineering in Hindi- सबसे पहले हम जान लेते हैं कि इंजीनियरिंग क्या होती है, इंजीनियरिंग करने के लिए हमको B-Tech स्नातक में दाखिला लेना पड़ता है  यह सामान्य 4 साल का कोर्स होता है इस कोर्स के अंदर बहुत सारी ब्रांच होती हैं जैसे-

1. मैकेनिकल इंजीनियरिंग

2. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

3. सिविल इंजीनियरिंग

4. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग

जो हमने आपको ब्रांच बताई है यह B-tech Course के अंदर आती हैं वैसे तो बीटेक कोर्स के अंदर बहुत तरह की इंजीनियरिंग आती है लेकिन हमने आपको उन इंजीनियरिंग के बारे में बताया है जिनको छात्र सबसे ज्यादा करना पसंद करते हैं यह बहुत प्रचलित इंजीनियरिंग है। अपनी-अपनी ब्रांच के हिसाब से सभी इंजीनियरिंग में अलग-अलग तरह की जानकारी दी जाती है

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मशीनों के बारे में बताया जाता है।
सिविल इंजीनियरिंग में कंस्ट्रक्शन से संबंधित जानकारी दी जाती है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंंग इलेक्ट्रॉनिक के बारे में बताया जाता है।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग में कंप्यूटर से संबंधित और सॉफ्टवेयर बनाने से संबंधित सजानकारियां दी जाती हैं।

इंजीनियरिंग का कोर्स सामान्य 4 साल का होता है अगर आपके पास कोई डिप्लोमा है तो आपके इंजीनियरिंग कोर्स के अवधि 1 साल कम हो जाती है फिर आपकी इंजीनियरिंग 3 साल में कंप्लीट हो जाती है।

 

इंजीनियरिंग के प्रकार। (Types of Engineering)

वैसे तो इंजीनियरिंग के बहुत से प्रकार होते हैं लेकिन हम आपको उन्हीं के बारे में बताएंगे जो जो सबसे ज्यादा प्रचलित है। जिनको सबसे ज्यादा छात्र करते हैं तो आइए जानते हैं वह कौन-कौन सी इंजीनियरिंग है।

 

मैकेनिकल इंजीनियरिंग। (Mechanical engineering)

मैकेनिकल इंजीनियरिंग वह होती है जिसमें टेक्नोलॉजी का यूज होता है जिन लोगों को मशीनों से प्यार होता है उनके लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग वन ऑफ द बेस्ट ऑप्शन है

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आपको मशीनों से संबंधित सभी जानकारियां दी जाती हैं और छोटे से छोटे पार्ट को विस्तार से समझाया जाता है और प्रैक्टिकली भी आपको मशीनों के बारे में जानकारी दी जाती है मैकेनिकल इंजीनियरिंग मशीन से प्यार करने वाले छात्रों के लिए एकमात्र ऑप्शन है।

 

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग। (Computer science engineering)

आपको इसके नाम से ही पता चल गया होगा कि हम किसके बारे में बात करने वाले हैं हम बात कर रहे हैं कंप्यूटर इंजीनियरिंग की, कंप्यूटर इंजीनियरिंग वह होती है जिसमें कंप्यूटर से संबंधित सभी जानकारियां दी जाती हैं जिन छात्रों को कंप्यूटर यह सॉफ्टवेयर बनाने में या कंप्यूटर से संबंधित जानकारी हासिल करने में रूचि होती है

वह कंप्यूटर इंजीनियरिंग करते हैं आज के टाइम में कंप्यूटर से ज्यादातर काम किए जाते हैं कंप्यूटर एक ऐसी चीज है जो बड़ी-बड़ी कंपनियों को संभालता है अतः आप कंप्यूटर इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेस्ट ऑप्शन होगा।

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इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग। (Electrical engineering)

अब बात करते हैं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग क्या होता है, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में वह सब कुछ आता है जो इलेक्ट्रिकल से संबंधित होता है जिन छात्रों को बिजली के कार्य करने में या इलेक्ट्रिकल में रूचि होती है

वो छात्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करते हैं इसमें छात्रों को विद्युत यानी कि इलेक्ट्रिकल से संबंधित सभी जानकारियां दी जाती है इसमें वह सब बताया जाता है कि किस तरह से बिजली बनती है और कैसे कैसे फ्यूज लगाए जाते हैं

किसी ट्रांसफार्मर को बनाने में क्या क्या यूज होता है किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगने वाले पार्ट क्या क्या होते हैं और वह किस तरह से काम करते हैं, और भी बहुत कुछ ऐसा है जो इस इंजीनियरिंग में आता है अतः आप इलेक्ट्रॉनिक में रुचि रखते हैं तो आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का ऑप्शन चुन सकते हैं।

 

सिविल इंजीनियरिंग। (Civil engineering)

यह वह इंजीनियरिंग होती है जिसने कंस्ट्रक्शन के काम को महत्व दिया जाता है सिविल इंजीनियरिंग सरकार के अंतर्गत काम करता है सिविल इंजीनियरिंग में- रोड निर्माण, स्कूल निर्माण, अस्पताल, पुल, और बहुत से ऐसे कंस्ट्रक्शन आते हैं जिनको एक सिविल इंजीनियर हैंडल करता है

सिविल इंजीनियर को किसी भी प्रोजेक्ट को बनाने से लेकर उसके खत्म होने तक सभी जिम्मेदारी सिविल इंजीनियर को दी जाती है सिविल इंजीनियर किसी भी बनने वाली इमारत में लगने वाला मटेरियल और उस इमारत को बनाने का नक्शा पास करता है यह मान लो किसी भी कंस्ट्रक्शन का सारा दायित्व एक सिविल इंजीनियर पर होता है

सिविल इंजीनियरिंग मे गवर्नमेंट सेक्टर में जोब मिलने की बहुत संभावनाएं होती हैं। अतः आप सिविल इंजीनियरिंग करने में रुचि रखते हैं तो आप यह कर सकते हैं।

हमने जो इंजिनियरिंग आपको बताई है यह सबसे ज्यादा की जाने वाली इंजीनियरिंग है अतः आप इनमें से कोई इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो आप कर सकते हैं

इसके अलावा भी बहुत तरह की इंजीनियरिंग होती है जो कुछ इस प्रकार हैं।

 

पैट्रोलियम इंजीनियरिंग। (Petroleum engineering)

पेट्रोल इंजीनियरिंग एक कोर्स है इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं जो लोग यह इंजीनियरिंग करना चाहते हैं उनको ड्रिलिंग वह वैज्ञानिक डेटा विश्लेषण में ट्रेनिंग दी जाती है

इस इंजीनियरिंग में जमीन यानी कि भूमि के अंदर से पेट्रोल निकालकर टैंक में कैसे भरा जाता है और इसका सारा प्रोसेस क्या होता है इस सब के बारे में छात्र को ट्रेनिंग दी जाती है अगर कोई सबसे हटके कुछ करना चाहता है इंजीनियरिंग के अंदर तो वह पेट्रोलियम इंजीनियरिंग भी कर सकता है।

 

महासागर इंजीनियरिंग। (mahasagar engineering)

इस इंजीनियरिंग में महासागर से संबंधित जानकारियां दी जाती है जिसको एशियन इंजीनियरिंग भी कहते हैं जिन लोगों को समुंद्र से प्यार होता है वह लोग इस फील्ड में आते हैं

कुछ लोगों का नेवी में जाना सपना होता है अगर किसी कारण वश वो नेवी में नहीं जा पाते तो, महासागर इंजीनियरिंग उनके लिए वन ऑफ द बेस्ट ऑप्शन है जिसके जरिए वे लोग महासागर से जुड़ सकते हैं यह भी एक ऐसा इंजीनियरिंग कोर्स है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है।

 

खेल टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग। (Khel Technology Engineering)

खेल एक ऐसी चीज है जिसमें हर व्यक्ति की रूची होती है चाहे वह क्रिकेट हो या फुटबॉल हो या फिर कोई भी खेल हो, अगर आप किसी कारणवश क्रिकेटर फुटबॉलर इत्यादि नहीं बन पाते तो आपको मायूस होने की जरूरत नहीं है

आप अपने पैशन को बना कर रख सकते हैं इसके लिए आप खेल टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग कर सकते हैं इसमें लोगों को खेल के बारे में जानकारी दी जाती है खेल में इस्तेमाल होने वाले उपकरण तथा उनका डिजाइन और उनके बनाने का तरीका सिखाया जाता है। आप चाहे तो खेल टेक्नोलॉजी से भी इंजीनियरिंग कर सकते हैं।

 

एथिकल हैकिंग। (ethical hacking)

एथिकल हैकिंग भी एक इंजीनियरिंग कोर्स है जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होता है इस कोर्स के अंदर आपको हैकिंग करना सिखाया जाता है जिसको आप legally यूज में ले सकते हैं

आप अपनी कंपनी का डाटा हैक करके उसमें सुधार कर सकते हैं उसने इंप्रूवमेंट कर सकते हैं ताकि कोई और आपके कंपनी का डाटा आसानी से हैक ना कर सके कानूनी तौर पर भी हैकिंग का कोर्स सिखाया जाता है

जिसमें देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिम्मेदारी दी जाती है जिससे कोई भी देश का डाटा हैक ना कर पाए जो लोग एथिकल हैकिंग से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो उनके लिए यह बेस्ट ऑप्शन है

लेकिन ध्यान रहे अगर आपने हैकिंग किसी गलत पर्पस के लिए किया है तो यह कानूनन अपराध होता है इसके लिए आपको कठोर से कठोर सजा भी मिल सकती है इसलिए आप हैकिंग से संबंधित सभी काम कानून के दायरे में रहकर ही करें।

यह थी कुछ और इंजीनियरिंग कोर्स से संबंधित जानकारी अभी इससे अलग भी बहुत सारी इंजीनियरिंग होती है अगर आप चाहे तो उनमें से भी कोई इंजीनियरिंग कर सकते हैं वह कुछ इस प्रकार हैं जैसे-

  1. ध्वनि अभियंता इंजीनियरिंग
  2. हाइड्रॉलिक इंजीनियरिंग
  3. फोटोनिक्स इंजीनियरिंग
  4. जनन विज्ञान अभियांत्रिकी इंजीनियरिंग
  5. कृषि इंजीनियरिंग
  6. उर्जा इंजीनियरिंग

आप चाहे तो इनमें से भी कोई इंजीनियरिंग कर सकते हैं अगर आपका इंटरेस्ट बताई गई इंजीनियरिंग में है।

 

इंजीनियरिंग कॉलेज। (Engineering Colleges list)

अब सवाल यह आता है कि इंजीनियर करने के लिए हमको कॉलेज कहां मिलेंगे कहां से इंजीनियरिंग करें, इंजीनियरिंग करने के लिए आपको आपके शहर में ही बहुत सारे ऐसे कॉलेज मिल जाएंगे जहां पर इंजीनियरिंग कोर्स कराया जाता है

आप प्राइवेट कॉलेज से भी इंजीनियरिंग कर सकते हैं और अगर आप चाहे तो इंजीनियरिंग गोरमेंट कॉलेज से भी कर सकते हैं जिसके लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना पड़ता है एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करने के बाद आपको आईआईटी IIT कॉलेज में एडमिशन मिल जाता है आईआईटी का मतलब होता है इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी,

आईआईटी इंजीनियरिंग करने के लिए सबसे बेस्ट संस्थान है हम आपको आईआईटी कॉलेज से संबंधित जानकारी देने वाले हैं आईआईटी कॉलेज कहां पर स्थित है जहां से आप गवर्नमेंट से अपनी इंजीनियरिंग कर सकते हैं।

 

इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट आईआईटी (IIT) इंस्टिट्यूट।

1. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंदौर

2. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, धनबाद

3. दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, दिल्ली

4. बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, पिलानी

5. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, गुवाहाटी

6. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रुड़की

7. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कानपुर

8. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुंबई

9. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खरगपुर

10. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली

 

आप इन कॉलेज से भी अपनी इंजीनियरिंग कर सकते हैं अगर आप किसी कारणवश एंट्रेंस एग्जाम क्लियर नहीं कर पाते तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है

आप किसी प्राइवेट कॉलेज से भी अपनी इंजीनियरिंग का कोर्स कंप्लीट कर सकते हैं और एक सफल इंजीनियर बन सकते हैं अगर आप इंजीनियरिंग करने के बाद भी कुछ करने की सोच रहे हैं इसी फील्ड से संबंधित या अन्य कुछ, तो उसके लिए आगे बहुत ऑप्शन है जो कुछ इस प्रकार है।

 

बीटेक इंजीनियरिंग के बाद क्या करें। (What can i do after engineering)

वैसे तो B-tech आजकल बहुत छात्र कर रहे हैं लेकिन बीटेक करके सफल इंजीनियर वही बनता है जिसने पूरी लगन के साथ बीटेक करके इंजीनियरिंग कंप्लीट की हो वरना कुछ छात्र तो केवल डिग्री पाने के लिए ही बिटेक करते हैं

जिसका कोई फायदा नहीं है अगर आप एक सफल इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपको पूरी लगन के साथ यह कोर्स करना होगा अगर आप बीटेक के बाद भी इससे संबंधित कोर्स करना चाहते हैं तो उसके लिए आप एमटेक की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं

 

M-tech की डिग्री।

यह एक मास्टर कोर्स होता है जो बिटेक के बाद किया जाता है‌

बीटेक की फुल फॉर्म होती है- बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी

और एमटेक की फुल फॉर्म होती है- मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी

अतः आप बीटेक के बाद एमटेक कर सकते हैं जो एक मास्टर कोर्स होता है यह Course करके आपको किसी भी कंपनी में नौकरी बड़े आराम से मिल जाती है यह 2 साल का कोर्स होता है आप अपने पसंदीदा विषय के साथ यह कोर्स कर सकते हैं अगर आप चाहे तो यह कोर्स करने के बाद किसी इंस्टिट्यूट में फैकेल्टी के रूप में बीटेक वाले छात्रों को पढ़ा सकते हैं।

 

एमबीए भी कर सकते हैं। (MBA Course)

अगर आपने बीटेक कर ली है और आपको लगता है कि बीटेक करके मुझे कोई फायदा नहीं हुआ या आप अपना कैरियर बदलना चाहते हैं तो उसके लिए MBA (Master of Business administration) वन ऑफ द बेस्ट ऑप्शन होता है एमबीए करके भी आप एक अच्छी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर नौकरी कर सकते हैं।

 

सिविल सर्विस के लिए तैयारी। (preparation for Civil Service)

आप बीटेक के बाद अगर Civil Service के लिए तैयारी करना चाहते हैं तो आप वह भी कर सकते हैं ज्यादा लोग ऐसे होते हैं जो बीटेक करने के बाद सिविल सर्विस के बारे में सोचते हैं बीटेक के बाद सिविल सर्विस की तैयारी करना भी एक अच्छा ऑप्शन होता है

IAS, IPS एक बहुत ही बड़ा पद है और जिम्मेदारी से भरा हुआ है जो देश की बहुत सारी जिम्मेदारियां उठाता है अगर आप इन जिम्मेदारियों को संभालने के लिए तैयार हैं तो आप सिविल सर्विस की तैयारी कर सकते हैं।

 

अपना बिजनेस शुरू करें। (Start your own business)

Engineer in Hindi – ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं कि वह कोई कोर्स तो कर लेते हैं लेकिन कहीं पर जॉब करना पसंद नहीं करते, वो खुद मालिक (Boss) बनना चाहते हैं तो उसके लिए आप बिटेक के बाद भी खुद का बिजनेस खड़ा कर सकते हैं

जिन लोगों को बिजनेस करने में इंटरेस्ट है वह अपना खुद का स्टार्टअप लगा सकते हैं बीटेक करने के बाद बिजनेस करने का प्लान कोई बुरा नहीं है बीटेक करने के बाद आप अगर चाहे तो अपना कोई बिजनेस भी खड़ा कर सकते हैं।

दोस्तों यह कि कुछ इंजीनियरिंग से संबंधित जानकारी, आज आपने यह जाना कि इंजीनियर क्या होता है, इंजीनियर कैसे बने और इंजीनियर करने के लिए कोर्स कौन सा करेंं, हमारे द्वारा दी गई जानकारी से अगर आप संतुष्ट हैं तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं अगर आपके मन में इंजीनियरिंग से संबंधित कोई सवाल है तो वह भी आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

 

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अपना स्कूल कैसे खोलें और कैसे मान्यता प्राप्त करें, How to start a school in hindi

स्कूल कैसे खोलें, how to start a school in Hindi

अपना स्कूल कैसे खोलें इसके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको दी जा रही हैै।

दोस्तों हमारे भारत देश में हमारी संस्कृति बहुत महत्वपूर्ण रोल रखती है जिसमें विद्यालय भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है बच्चे के जन्म के 2 यह 3 साल के बाद हर माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं।

चाहे वह किसी भी वर्ग से हो लेकिन अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कराना चाहते हैं और कई माता-पिता तो अपने बच्चों को शुरू से ही अच्छे संस्कारों के साथ अच्छी Education भी प्रदान करते हैं घर बैठे हुए अपने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करते हैं How to start a school in hindi

हमारे देश के अंदर बहुत तरह के स्कूल खुले हुए हैं जैसे विद्यालय, सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूल इत्यादि आजकल हर माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हैं हमेशा चाहते हैं उनके बच्चो का एक अच्छे विद्यालय में दाखिला हो जाए जहां पर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ रहन-सहन के तौर-तरीके भी सिखाये जा सके।

आज के टाइम में बहुत सारे ऐसे Government school है जहां पर स्कूल का अच्छे से संचालन नहीं हो पाता, किसी भी सरकारी स्कूल में या तो अध्यापक की कमी हो जाती है या फिर अध्यापक पढ़ाने नहीं आते इस तरह की चिंताओं को लेकर माता-पिता अपने बच्चों को किसी निजी स्कूल, यानी कि प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलाते हैं

जिससे उनके बच्चे को एक अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सके उनके बच्चों की अच्छी देखरेख की जा सके इसके लिए माता-पिता महंगी से महंगी फीस भी भरने को तैयार हो जाते हैं, अब टीचर की कमियों को लेकर सरकार ने बहुत स्कूलों का एकीकरण भी कर दिया है।

बहुत सारे सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां पर सरकार के पास षोशो की कमी रहती है वह रिजल्ट वगैरा सही से प्राप्त नहीं होते हैं यह समस्या भी देखने को मिलती है और ऐसे विद्यालयों की रिस्पांसिबिलिटी भी सरकार ने प्राइवेट क्षेत्रों को सौंपने की सोची है।

अगर आप एक अध्यापक हैं या आप टीचिंग लाइन में हैं तो आप भी अपना एक निजी स्कूल खोल सकते हैं जिसमें आप बच्चों के विकास के लिए योजना बना सकते हैं और उनको आगे बढ़ा सकते हैं अच्छे शिक्षा प्रदान करके उनका अच्छा विकास कर सकते हैं।

हर बच्चों की मानसिक बुद्धि के लिए अलग-अलग विधालय होते हैं जैसे मंदबुद्धि मुखबधिर आदि बच्चों के लिए। और एक विद्यालय वह होता है जिसने सामान्य बच्चों को पढ़ाया जाता है अगर आप एक सामान्य तरह के विधालय को खोलना चाहते हैं तो हम आपको इसी के बारे में अच्छी जानकारी देने वाले हैं टीचिंग फील्ड से संबंधित हम आपको अच्छी-अच्छी जानकारी देंगे।

 

School खोलने की प्रक्रिया स्कूल कैसे खोलें।

सबसे पहले आपको यह निर्णय लेना होगा कि आप किस तरह का स्कूल खोलना चाहते हैं क्योंकि भारत देश के अंदर बहुत तरह के स्कूल देखने को मिलते हैं आपको यह निर्णय लेना है कि आप किस तरह का स्कूल खोल सकते हैं। आइए जानते हैं स्कूल कैसे खोलें

जैसे कि प्ले स्कूल, प्री प्राइमरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल  आप इन स्कूल में से कौन से स्कूल खोलना चाहते हैं वह आपका निर्णय हैं अगर बात की जाए सामान्य रूप से तो आप सबसे पहले प्री प्राइमरी स्कूल या प्ले स्कूल खोलना चाहिए

हम सभी जानते हैं कि हमारे भारत देश की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को एक अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए अच्छे विकास के लिए निजी स्कूल में दाखिला दिलाते हैं

जहां पर उनका बच्चा खेलता हुआ सामाजिक तौर तरीके और विकास और शिक्षा के साथ समायोजित हो जाए। और बच्चा रोए भी नहीं यही सोचकर माता पिता अपने बच्चों को प्ले स्कूल में दाखिला दिलाते हैं।

School in hindi – अगर आप एक विद्यालय खोलना चाहते हैं तो आपको स्कूल का प्रबंधक बनने के लिए सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है इसके लिए आपको 12वीं कक्षा पास करने के बाद बी एस टी सी, डी एल डी कर सकते हैं

जो 2 या 3 वर्ष की होती है यह करने के लिए आपको इसका एग्जाम क्लियर करना पड़ता है, आप स्नातक करने के बाद b.ed करने की सोच रहे हैं तो वह भी कर सकते हैं इसके लिए भी आपको प्री एग्जाम पास करना होगा

यह सब करने के बाद आप इग्नू से स्कूल प्रबंधक का कोर्स कर सकते हैं आपको यह सब करने के बाद आपके पास स्कूल में पढ़ाने का 5 वर्ष तक का अनुभव भी होना जरूरी है।

 

स्कूल खोलने के लिए नियम और प्रक्रिया। ट्रस्ट की नियमावली

इसके लिए आपको सबसे पहले स्कूल का रजिस्ट्रेशन कराना होगा यह अनिवार्य होता है इसके बारे में आपको आगे बताया जाएगा।

  • अब आपके पास अपना School खोलने के लिए जगह का होना बहुत आवश्यक है। अगर आपके पास स्वयं की कोई जगह नहीं है तो उसके लिए आप कोई भी बिल्डिंग किराए पर ले सकते हैं जिसके जरिए आप अपना स्कूल वहां पर खोल सकते हैं।

 

  • अगर आपकी अपनी जगह ऐसे फील्ड में है जहां पर शोर-शराबा कम हो और जो आवासीय क्षेत्र से थोड़ा दूर हो तो वहां पर भी आप अपना स्कूल बना सकते हैं।

 

  • अगर आप राजस्थान क्षेत्र से हैं तो वहां पर जमीन से संबंधित है कुछ नियम है जिससे आपको 1 एकड़ से कम जमीन का रूपांतरण नहीं करना होगा तो आप उस जमीन से संबंधित इन नियमों का जरूर पालन करें। आपको प्ले स्कूल या प्री प्राइमरी स्कूल खोलनी है तो उसके लिए आप एक बिल्डिंग तैयार कर सकते हैं जिसमें आप 3 से 4 रूम या एक हॉल ले सकते हैं साथ ही साथ आपको अच्छे खिलौनों की भी जरूरत पड़ती है जिससे बच्चों का मन लगा रहता है।

 

  • और अगर बात की जाए प्राइमरी स्कूल की उसमें आपको 5 कमरे कक्षा के लिए चाहिए होते हैं और 1 कमरा अपने ऑफिस के लिए और एक 1 अपने लाइब्रेरी के लिए चाहिए होता है और साथ ही साथ 1 कमरा स्टाफ के लिए होना चाहिए और टॉयलेट वगैरा की भी व्यवस्था होनी जरूरी है आपको स्कूल का निर्माण करने मे 1000 स्क्वायर फीट से 1500 स्क्वायर फीट जगह की जरूरत होगी।

 

  • इस तरह से आपको अपने स्कूल का निर्माण करना है बाकी कार्य आपके ऊपर है आप अपने स्कूल के अंदर क्या-क्या फैसिलिटी देते हैं यह सब आप पर निर्भर करता है।

 

  • अपनी बिल्डिंग तैयार करने के बाद आपको जरूरत पड़ती है फर्नीचर की जिसमें आपके ऑफिस के लिए टेबल और कुर्सियों की जरूरत पड़ती है और कक्षाओं के अंदर विद्यार्थियों के लिए टेबल चेयर आदि की जरूरत पड़ती है यह आप अपने नजदीकी फर्नीचर स्टोर से बनवा सकते हैं या कहीं से ले सकते हैं अगर आपके स्कूल के अंदर 100 बच्चे हैं तो आपको 35 से 40 ऐसी टेबल की जरूरत पड़ेगी जिन पर बच्चों के बैग वगैरा रखे जा सकें एक सीट पर 3 बच्चे आराम से विराजमान हो सके।

 

  • उस हिसाब से आपको 35 से 40 सीट की जरूरत पड़ेगी और इसके अलावा आप कुछ सीट एक्स्ट्रा भी बनवा सकते हैं जिससे अगर कक्षा में रखे फर्नीचर में टूट-फूट हो जाए तो उसकी जगह आप एक्स्ट्रा में रखी हुई सीट का इस्तेमाल कर सकें।

 

  • इस सब में आपके लागत 30,000 से 40,000 आ जाएगी इसके बाद आपको अपने विद्यालय के लिए 5 से 6 कुशल अध्यापकों की जरूरत होती है, आपके स्कूल के रिकॉर्ड के लिए कुछ महत्वपूर्ण रजिस्टर की भी जरूरत होती है जिसमें आप विद्यार्थियों का विवरण और विद्यार्थियों की उपस्थिति आदि ऐड कर सकते हैं। अध्यापक के लिए भी रजिस्टर की जरूरत होती है।

 

स्कूल के लिए रजिस्ट्रेशन और स्कूल मान्यता मानक।

दोस्तों अगर आप अपना स्कूल खोलना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक संस्था बनाने होती है जो कोई भी 8 से 10 व्यक्ति मिलकर बना सकते हैं

इसके बाद आपको अपने उद्देश्य के लिए अच्छा प्रस्ताव लेकर रजिस्टार के पास रजिस्ट्रेशन के लिए जाना होता है जिसमें आपका 10,000 से 15,000 रुपया तक की लागत आ जाती है फिर आपकी इस संस्था का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा

आपको इसके लिए सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा फिर आपको अपने स्कूल के लिए अध्यापक की सूची बनानी होगी और फिर मीटिंग के दौरान सभी कार्यों के बारे में बातचीत करनी होगी।

और यह भी ध्यान में रखने योग्य बातें हैं कि आपके स्कूल के अंदर कम से कम 2 अध्यापक b.ed वाले होने चाहिए, फिर अप्रैल-मई के बाद स्कूल में ऑनलाइन पंजीकरण होते हैं जिसमें आपको अप्लाई करना होगा

जिसमें आपका 2,000 के आसपास खर्चा आ जाएगा इस फॉर्म को भरने के बाद आपको अपनी संस्था के लिए सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी के साथ संलग्न डीईओ कार्यालय में जमा करानी होगी

जहां पर आपकी ₹10,000 की लागत आ जाएगी यह सब करने के बाद आपके स्कूल के अंदर 4 से 5 कर्मचारी मुआवजा करने के लिए आएंगे आपके स्कूल के बारे में जानकारी लेंगे और आपके सभी डाक्यूमेंट्स चेक करने के बाद ओके कर देंगे और यह सब करने के बाद आपके स्कूल का संपूर्ण कार्य पूरा हो जाएगा फिर आप अपने स्कूल प्रारंभ कर सकते हैं।

 

CBSC से मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया।

अगर आप अपना स्कूल खोल रहे हैं और उसके लिए CBSC से एफीलिएशन लेना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सीबीएससी की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा। जिसका लिंक कुछ इस प्रकार है

http://cbseaff.nic.in/cbse_aff/welcome.aspx

आप इस लिंक की मदद से भी CBSC की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहुंच सकते हैं इसकी प्रक्रिया बहुत ही आसान है इसको आप को बहुत ध्यान से पढ़ना होगा

इसके बाद जो भी कुछ इसमें बताया जाए वह प्रोसीजर आपको फॉलो करना होगा फिर आप यूजर रजिस्ट्रेशन करें फिर आपको एफिडेविट भी जमा करना होगा

सैंपल एफिडेविट का फॉर्म आप वहां से ही डाउनलोड कर सकते हैं आपको ड्रिंकिंग वॉटर रिपोर्ट और सैनिटेशन भी देना होगा फिर आप फॉर्म को पूरा भर कर उसको सबमिट कर दें,

और आप एपीलेशन के स्टेटस को भी सीबीएससी की ऑफिशल वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं अगर आपका स्कूल सीबीएससी द्वारा बताए गए सभी नियम का पालन और शर्तें पूरी करेगा तो आपकी एप्लीकेशन को अप्रूवल मिल जाएगा।

 

स्कूल के लिए अध्यापक कैसे चुने। Teachers selection

अगर आप अपने स्कूल के लिए अध्यापक का चुनाव कर रहे हैं तो उसके लिए आपको अध्यापक के कुशलता और परीक्षण सर्टिफिकेट को चेक करने की जरूरत पड़ती है उनके सर्टिफिकेट की अच्छे से जांच परख करनी होगी।

आपने बहुत सी जगह यह भी देखा होगा कि कई सारे Private School के अंदर 10वीं और 12वीं पास के अध्यापक भी पढ़ाने लगते हैं, हाल ही में सरकार ने कई राज्यों में एक ऐसा डिप्लोमा शुरू किया है जिसको करने के बाद आप विद्यालयों के अंदर पढ़ा सकते हैं

आपके पास या तो डिप्लोमा हो या प्रशिक्षण संबंधित डिग्री जैसे b.ed, btc, DELED आदि।

फिर उसके बाद आपको अध्यापक के व्यवहार को परखना होगा आपको जानना होगा कि यह अध्यापक पैसों के लिए बच्चों को पढ़ाना चाहता है या बच्चों को पढ़ाना अपना सेवक धर्म मानता है आपको उसके व्यवहार और अनुशासन को ध्यान में रखते हुए उसको रखने का निर्णय करना चाहिए।

 

अपने स्कूल की फीस कितनी रखें।

अगर सामान्य रूप से बताया जाए तो उस हिसाब से आप कुछ इस तरह की फीस रख सकते हैं अगर आपके स्कूल की कक्षा के अंदर 20-20 छात्र हैं तो उनके लिए आपको कुछ इस तरह की फीस रखनी चाहिए।

पहली कक्षा के लिए – 7000 – सालाना

दूसरी कक्षा के लिए – 7500 – सालाना

तीसरी कक्षा के लिए – 7800 – सालाना

चौथी कक्षा के लिए – 8000 – सालाना

पांचवी कक्षा के लिए- 8300 – सालाना

यह हमने सामान्य रूप से ली जाने वाली फीस की सूची आपको बताई है अगर आप चाहें तो अपने स्कूल की फैसिलिटी और अनुशासन और दी जाने वाली शिक्षा के हिसाब से अपनी फीस की सूची बना सकते हैं।

यदि आप उच्च प्राथमिकता वाला स्कूल खोलना चाहते हैं तो उसके लिए आपको परमिशन की जरूरत पड़ती है और फिर उसी हिसाब से आप अपनी फीस भी बढ़ा सकते हैं और साथ ही साथ आपको 5 से 8 तक की कक्षा को पढ़ाने के लिए टीचर्स की आवश्यकता पड़ती है।

 

स्कूल के डमिशन के लिए प्रचार कैसे करें। Advertisement for Admission

स्कूल खोलने के पश्चात सबसे जरूरी होता है अपने स्कूल में बच्चों का आगमन कराना इसके लिए आप अपने स्कूल का प्रचार भी कर सकते हैं उसके लिए आपको जरूरत पड़ेगी अपने स्कूल से संबंधित  बैनर, पोस्टर वगैरह छपवाने की।

जिसमें आप ज्ञानवर्धक शब्दों का प्रयोग करके अपने स्कूल के नाम के साथ अपने स्कूल के बारे में बता सकते हैं और आपके स्कूल में क्या क्या फैसिलिटी है किस तरह की बच्चों को शिक्षा दी जाती है वह सब आप उसमें बता सकते हैं,

आपको अपने School से संबंधित ऐसी जानकारी लोगों को प्रदान करनी होगी जिससे अगर लोग उसको पढे और आपके स्कूल की और आकर्षित होकर सोचे कि भविष्य का सही ज्ञान और शिक्षा की अच्छी व्यवस्था आपके स्कूल में ही है।

आपको इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने प्रचार बैनर या पोस्टर में किसी भी गलत तरह की जानकारी ना दें आप लोगों को भहकाने के लिए झूठी जानकारी लोगों तक न पहुंचाएं वरना इसके लिए आपको दंड भी भुगतना पड़ सकता है

और आपके स्कूल का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है तो आप इस बात का खास ध्यान रखें कि आपके स्कूल के अंदर जो रियल में फैसिलिटी और शिक्षा की व्यवस्था है उसी के बारे में लोगों को बताएं।

आपके द्वारा छपाई गई टेंप्लेट बैनर वगैरह को आपको न्यूज़पेपर में लगाकर शहर या गांव के अंदर बांटना होगा और आप जिस क्षेत्र में अपने स्कूल खोल रहे हैं आप उस क्षेत्र के घरों में जाकर अपने स्कूल के बारे में उनको बता सकते हैं

आपको घर-घर जाकर लोगों को कंसल्ट करना होगा और जानना होगा कि उनके घर में कितने बच्चे हैं फिर उनको अपने विद्यालय के बारे में जानकारी देकर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से, अपने स्कूल में दाखिला लेने के लिए कंवेंस करना होगा।

आप जिस शहर में अपना स्कूल खोल रहे हैं और उस शहर का कौई न्यूज़ चैनल भी चलता है तो आप न्यूज़ चैनल के अंदर अपने स्कूल का एडवर्टाइजमेंट कर सकते हैं और साथ ही साथ आप जिस घर पर जाकर बच्चों के एडमिशन के लिए मां-बाप को कन्वेंस करते हैं उनसे आपको उनका कांटेक्ट नंबर भी लेना चाहिए जिससे आप एक बार फिर कॉल करके उनको कंसल्ट कर सकें।

 

स्कूल कैसे चलाएं और क्या योजनाएं होती हैं प्राइवेट स्कूल के नियम।

स्कूल को अच्छे से चलाने के लिए सबसे पहले अध्यापक को अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी, आपको उचित समय पर परेड वगैरा की व्यवस्था रखनी होगी जिसमें आप कई तरीके की गतिविधियां भी संचालित कर सकते हैं जिसमें आप बच्चों को कविता बुलवा सकते हैं या जनरल नॉलेज के क्वेश्चन आंसर करवा सकते हैं। और साथ ही साथ आपको नीचे बताई गई जानकारी को भी अपनाना होगा।

 

  • आप विषय के आधार पर कक्षा का टाइम 25 से 30 मिनट के अंदर का रख सकते हैं।

 

  • फिर अध्यापक को कक्षा में जाने के बाद बच्चों की अटेंडेंस लेनी होगी और फिर विषय के आधार पर बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करनी होगी।

 

  • फिर कुछ समय के बाद आपको लंच टाइम भी रखना जिसमें बच्चों को पढ़ाई करते वक्त कुछ टाइम माइंड फ्रेश करने या भोजन करने के लिए मिल सके।

 

  • फिर लंच के बाद पुनः उनका अध्ययन शुरू होगा जिसमे बच्चों को खेल और मनोरंजन के आधार पर पढ़ाया जाएगा।

 

  • और बच्चों की सेहत का भी पूरा ध्यान रखना होगा किसी भी बच्चे को इमरजेंसी पड़ने पर उसको विशेष उपचार देने की फैसिलिटी भी आपको रखनी होगी और बच्चों के मां-बाप को एक तुरंत सूचित करने पर ध्यान देना होगा।

 

  • और स्कूल का अध्ययन कार्य पूरा होने के बाद छुट्टी के पश्चात बच्चों को वाहन आदि के माध्यम से उनके घर पर सुरक्षित पहुंचाना होगा या उनके अभिभावक के आने के बाद बच्चों को उनके साथ भेजा जाएगा।

 

  • और साथ ही साथ आपको समय-समय पर बच्चों के लिए प्रतियोगिताएं भी रखनी होंगी school natak बाल सभा रखनी होंगी और महापुरुषों की जयंती वगैरह भी मनानी होगी और हफ्ते में एक दिन विभिन्न विभिन्न तरह के खेल भी बच्चों को खिलाने होंगे जिससे बच्चों के ऊपर पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर न पड सके।

 

स्कूल खोलने पर कितना फायदा होगा।

अगर हम कोई स्कूल खोल रहे हैं अगर उस से प्राप्त होने वाले लाभ की बात करें तो मान लीजिए आपके स्कूल के अंदर छात्रों की संख्या 100 है और हर एक कक्षा में छात्रों की संख्या लगभग 20-20 है इस हिसाब से पहली कक्षा के बच्चों की फीस लगभग 140,000 रुपए होगी और दूसरी कक्षा के बच्चों की फीस 150,000 रुपए होगी और तीसरी कक्षा के बच्चों की फीस 156,000 रुपए होगी और चौथी कक्षा के बच्चों की फीस 160,000 होगी और फिर पांचवी कक्षा के बच्चों की फीस 166,000 होगी अगर इनको जोड़ दिया जाए तो आपके पास कुल 772,000 हजार रुपए होंगे।

अगर आप खर्च निकाल कर देखें तो आपको हर महीने अध्यापक को 7 हजार रुपए उनकी सैलरी के रूप में देने होंगे तो सालाना आप अध्यापक को ₹420,000 देंगे

और बिजली पानी वगैरह का खर्चा माने तो आप को प्रतिमाह ₹10,000 मानकर चलने होंगे जो सालाना के एक लाख होते हैं मतलब सभी खर्चे निकालकर आपके पास सालाना ₹252,000 बचते हैं

अगर आप राउंड फिगर के खर्चे भी माने जैसे अध्यापक के तनख्वाह में बढ़ोतरी तो आप इसमें से ₹50,000 और निकाल सकते हैं इस हिसाब से आपके पास ₹200,000 बचते हैं और इस हिसाब से आपको महीने के ₹20,000 तक का लाभ हो जाता है

फिर जैसे-जैसे आपके स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती है वैसे वैसे ही आपका मुनाफा भी बढ़ता चला जाता है अगर पहले साल में आपके स्कूल में 100 बच्चे हैं और अगले साल आपके स्कूल में 200 बच्चे होते हैं तो आप का मुनाफा इसमें डबल हो जाता है आप महीने के ₹40000 तक या बच्चों की बढ़ोतरी के आधार पर उससे ज्यादा भी कमा सकते हैं।

 

स्कूल कैसे खोलें इस विषय में सावधानियां बरतने योग्य बातें।

आपको सबसे ज्यादा सावधानी अनुशासन में बरतनी होगी अनुशासन ही विद्यालय का सबसे अच्छा गुण होता है आपको अनुशासन को ध्यान में रखकर अपने विद्यालय को चलाना होगा।

आपको अनुशासन के साथ साथ निरंतर भी रखना होगा केवल विद्यार्थियों का अनुशासन ही नहीं बल्कि अध्यापकों का अनुशासन भी ध्यान में रखना होगा और अपने पूरे स्टाफ का अनुशासन आपको ध्यान में रखते हुए चलना होगा।

क्योंकि बच्चे हमेशा अनुकरण से ही सीखते हैं आपको यह मानकर चलना चाहिए कि बच्चे एक गीली मिट्टी की तरह होते हैं आप जैसा उनको बनाते हैं वह वैसा बन जाते हैं उनमें सही गलत की पहचान नहीं होती इसलिए आप जो बच्चों को सिखाएंगे बच्चे वह सीखेंगे तो इसलिए आपको सभी चीज अनुशासन में रहते हुए बच्चों को सिखाने होगी। School in hindi

आपको अपने रहन सहन में भी सुधार करना होगा आपको अपना पहनावा एक शिक्षक के जैसा रखना होगा और आपका पढ़ाने का तरीका भी अनुशासन पूर्ण होना चाहिए और आपके अंदर बात करने का अच्छा तरीका होना चाहिए आप किसी से भी अकड या गुस्से से बात ना करें आपके शब्दों में ज्ञानवर्धक के साथ सम्मान जनीत शब्द मौजूद होने चाहिए।

और सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आप को बच्चों के ऊपर कभी हाथ नहीं उठाना चाहिए यह कानून के खिलाफ होता है इसके लिए आप पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है

इसलिए आप सभी बच्चों से शांति से और प्यार से पेश आएं बच्चों को प्यार की भाषा से समझाएं जो बात मारपीट करके नहीं समझी जा सकती है वह प्यार से बड़ी आसानी से समझाई जा सकती है।

स्कूल चलाने के लिए आपको समय का प्रतिबंधक होना जरूरी है और साथ ही आपको विधालय के रिकॉर्ड का भी ध्यान रखना जरूरी है। कभी ऐसा कदम न उठाएं जिससे आपके ट्रस्ट की इमेज या रिकॉर्ड खराब हो जाए।

आरटीई एक्ट के अनुसार आपको अपने स्कूल की 25 परसेंट सीटें आरक्षित रखनी होंगी आपको टीचर के अध्यापन की भी जांच करनी होगी की अध्यापक किस तरह से बच्चों को पढ़ा रहा है किस तरह की शिक्षा बच्चों को प्रदान कर रहा है यह सब आप पर निर्भर करता है आपको अपने स्कूल के अंदर अच्छे-अच्छे टीचिंग मेथड को अपनाना होगा।

दोस्तों यह थी कुछ स्कूल खोलने से संबंधित जानकारी अगर आप इन सभी जानकारियों को फॉलो करते हुए अपने स्कूल खोलने की शुरुआत करेंगे तो आप एक अच्छे प्रबंधक बन पाएंगे,

तो दोस्तों हमने आज यह जाना की अपना स्कूल कैसे खोले सकते हैं और उसको कैसे चला सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और इसके विषय में अगर आपको कोई और जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

 

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डॉक्टर कैसे बने | Doctor banne ke liye konsa course kare 2022

Doctor banne ke liye konsa course kare Medical Course

सोचिए अगर कोई ऐसा काम हो जिसने हमें इज्जत भी मिले पैसा भी भरपूर हो और पुण्य भी मिले।
जी हां हम बात कर रहे हैं Doctor की जहां आपको अपना काम करने का 3 गुना लाभ मिलता है patients (mariz) की सेवा करके आप पुण्य भी कमाते हैं इज्जत भी कमाते हैं और भरपूर पैसा भी अब सवाल यह उठता है यह किया कैसे जाए आखिर doctor bana कैसे जाए अगर आपका भी यह सवाल है तो यह जानकारी आपके ही लिए है। 

आज हम आपको आपके सवालों का सीधा और सरल जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। 

Doctor kaise bane

दोस्तों वैसे तो Medical लाइन के अंदर बहुत सारे Course मौजूद है लेकिन हम आज इस जानकारी में कुछ पॉपुलर Course के बारे में बात करने वाले हैं जिनको करने के बाद आपको doctor की डिग्री हासिल हो जाएगी सभी को course करने के लिए आपको 12th में biology (बायोलॉजी) लेना जरूरी है और आपका 12th-  50% minimum मार्क्स के साथ पास होना भी जरूरी है साथ ही सभी courses के लिए आपको entrance exam देना होता है। 

Doctor बनने के लिए कुछ जरूरी चीजें

  1. आपके पास 12th मे (PCB) यानी कि physics, chemistry और biology होना आवश्यक है
  2. हर Subject में कम से कम 50 परसेंट मार्क्स होने जरूरी हैं
  3. English language का ज्ञान आपको अच्छे से होना चाहिए
  4. हार्ड वर्क ज्यादा करना होगा Doctor banne ke liye.

Doctor banne ke liye konsa course kare.

  1. MBBS
  2. BDS
  3. BPT
  4. BHMS
  5. BAMS
  6. BUMS

1. MBBS – Bachelor of medicine bachelor of surgery

यह Course साडे 4 साल का होता है उसके बाद आपको 1 साल की इंटर्नशिप करनी पड़ती है जिसकी वजह से यह Doctor ka course साडे 5 साल में जाकर पूरा होता है यह भी बहुत अच्छा Course है अगर आप चाहें तो MBBS भी कर सकते हैं। 

2. BDS – Bachelor of dental surgery

बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी यह भी एक बहुत पॉपुलर कोर्स है यह करने के बाद आप दांतो के Doctor यानी कि dentist बन जाते हैं यह कोर्स 4 साल का होता है इसमें भी हमको 1 साल की इंटर्नशिप करनी होती है जिसकी वजह से यह course 5 साल में जाकर पूरा होता है इसके अंदर भी बहुत अच्छा स्कोप है आप BDS ki भी तैयारी कर सकते हैं। Doctor banne ke liye

3. BPT – Bachelor of physiotherapy

इस कोर्स में आपको physical activities के जरिए मरीज को ठीक करना सिखाया जाता है यह एक non-surgical course है जिसके treatment से मरीजों के शरीर के अंगों में हो रहे दर्द को ठीक किया जाता है या काफी हद तक Control किया जाता है यह course भी बहुत डिमांड में है। क्योंकि बदलते लाइफ स्टाइल से लोगों के शरीर में ऐसी प्रॉब्लम्स होनी शुरू हो गई हैं जिन को ठीक करने के लिए एक physiotherapy की जरूरत पड़ती है हर जगह physiotherapy का इस्तेमाल किया जाता है और बहुत से लोग इसे बहुत पसंद करते हैं यह एक Full time course है और यह 4 साल का होता है इसको करने के बाद 6 महीने की इंटर्नशिप करनी पड़ती है जिससे इस BPT Course की कंप्लीट अवधि साडे 4 साल रहती है। यह भी अच्छा कोर्स है को medical line मेे। आप चाहे तो यह भी कर सकते हैं।

doctor banne ke liye konsa course kare, Medical Course

  • अब हम 3 ऐसे Medical course की बात करने वाले हैं जिन Course में बीमारी को जड़ से खत्म कर देने पर जोर रहता है

तीनों ही Courses में यह माना गया है कि हमारे body खुद को सही करने में सक्षम है जरूरत है तो सिर्फ शरीर की मदद करने की जिससे कि हमारी self healing पावर या खुद को ठीक करने की क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। आइए एक-एक करके हम तीनों Medical Course को देख लेते हैं

1. BHMS – bachelor of homoeopathic medicine surgery

बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन सर्जरी यह बहुत ही ज्यादा पॉपुलर Course है जिसको पूरा करने पर आप एक homoeopathic Doctor बन जाते हैं जैसे हमने आपको बताया Homoeopathic मे बीमारी को जड़ से खत्म किया जाता है आजकल भारत और विदेशों में भी homoeopathic पॉपुलर होती जा रही है इसीलिए इस course को करने के साथ आपके लिए बहुत ही अच्छी संभावनाएं हैं यह कोर्स साडे 4 साल का होता है इसके बाद आपको 1 साल की इंटर्नशिप करनी होती है जिससे इस कोर्स की अवधि साडे 5 साल हो जाती है यह भी बहुत ही पॉपुलर कोर्स है homoeopathic clinic अब हर जगह पाए जाते हैं और लोग इसमें विश्वास भी रखते हैं आप इस course को भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं इसमें भी एक अच्छी खासी इनकम जनरेट कर सकते हैं

2. BAMS – Bachelor of ayurvedic medicine and surgery

बैचलर ऑफ आर्युवेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी, Ayurved के बारे में तो आपने सुना ही होगा यह बीमारी को जड़ से ठीक करने में बिल्कुल सक्षम है हां थोड़ा long process होता है लेकिन यह बीमारी को जड़ से खत्म कर देता है ayurved विश्व के सबसे पुराने medical course में से एक है आयुर्वेद में भी बीमारी को जड़ से खत्म किया जाता है यह course भी साडे 4 साल का होता है बाद में आपको 1 साल की इंटर्नशिप भी करनी होती है जिससे यह कोर्स भी साडे 5 साल में जाकर पूरा होता है आप इस medical course को भी कर सकते हैं यह भी बहुत डिमांड में है।

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3. BUMS – Bachelor of Unani medicine and surgery

बैचलर ऑफ युनानी मेडिसिन एंड सर्जरी यह भी एक बहुत ही प्राचीन विधि है, जो बीमारियों को जड़ से खत्म करने में बहुत सक्सेस है यह भी साड़े 4 साल का होता है इसमें भी हमको 1 साल की इंटर्नशिप करनी होती है यह कोर्स भी साडे 5 साल में जाकर पूरा होता है इस course की बहुत ज्यादा डिमांड है आप चाहे तो इस Medical Course को भी कर सकते हैं

तो दोस्तों उम्मीद करता हूं अब आपको Doctor banne के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। डॉक्टर कैसे बने। Doctor banne ke liye konsa course kare इस सब की जानकारी भी आपको मिल गई होगी जो मेन कोर्स हैं वह यहां पर बताए गए हैं Otherwise मेडिकल लाइन में और भी बहुत सारे कोर्स हैं आप उनमें से भी कोई कोर्स कर सकते हैं अपनी चॉइस के अनुसार। अब जरूरत है तो बस आपकी हिम्मत और हौसले की जिसके साथ आप आसानी से एक बहुत ही बढ़िया डॉक्टर बन सकते हैं। और अच्छा इलाज करके मरीजों को ठीक कर सकते हैं और एक अच्छी इनकम जनरेट कर सकते हैं और साथ ही साथ पुण्य भी कमा सकते हैं और रोगियों ke liye जीवनदान बन सकते हैं।

Civil services – How to become an IAS officer (DM District magistrate) in india after 12th 2022

इस पोस्ट का टॉपिक है IAS OFFICER कैसे बने,

  1. क्या क्वालिफिकेशन चाहिए
  2. कितनी परसेंटेज की जरूरत है
  3. कब फॉर्म भर सकते हैं
  4. एग्जाम के कितने स्टेज होते हैं
  5. कितनी बार एग्जाम दे सकते हैं
  6. कट ऑफ क्या है
  7. इसके लिए क्या पढ़ाई की जाती है

यह सब जानकारी हम आपको इस पोस्ट के जरिए बताएंगे।

How to become an IAS, IPS, IFS officer Civil service

Civil service: फॉर्म भरने से लेकर Interview तक का सारा प्रोसेस जानिए।

अगर कोई बोले कि IAS का एग्जाम देना है तो यह गलत है दरअसल यह CIVIL SERVICE एग्जामिनेशन है।

इसमें IAS, IFS, IPS सहित कुल 24 तरह की सर्विस के लिए सिलेक्शन होता है इस एग्जाम को UPSC कंडक्ट कराता है मतलब यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन एक कांस्टीट्यूशनल बॉडी है सवाल यह है कि जितने भी IAS और IPS बनते हैं उन्हें जॉब किस चीज की मिलती है किस विभाग में काम करते हैं तो जितने भी DM कमिश्नर डिप्टी कमिश्नर डिपार्टमेंट के हेड होते हैं वे सभी IAS होते हैं

Age Limitation

Age को लेकर students में काफी कन्फ्यूजन रहता है तो देखिए

  1. General के लिए 21 से 32 ईयर
  2. OBC के लिए 21 से 35 ईयर
  3. SC/ST के लिए 21 से 37 ईयर Age limitation है।

जो जम्मू एंड कश्मीर से है तो इसमें

जनरल के लिए मैक्सिमम 37 है Physical चैलेंज पर्सन के लिए 42 इयर्स और जो डिसेबल्ड है जिससे ब्लाइंड deaf है तो जनरल में 37 ओबीसी 38 और एसएसटी में 40 ईयर तक मैक्सिमम एज लिमिट है आपको पता होना चाहिए कि फॉर्म भरने के लिए आपके पास कितना टाइम है

IAS ki Qualification Ky hogi

अगला सवाल Qualification क्या होगी सबसे best part इस एग्जाम का qualification है। इसके लिए किसी कॉलेज यूनिवर्सिटी का टॉपर होने की जरूरत नहीं है किसी आईआईटी या आईएम से पढ़ने की भी जरूरत नहीं है सीधी बातें है कि अगर आप ग्रेजुएट है तो Civil services एग्जाम दे सकते हैं चाहे b.a. किया हो या मेडिकल इंजीनियरिंग इस से कोई मतलब नहीं है कोई परसेंटेज की भी रिक्वायरमेंट नहीं है आप जस्ट पास हो किसी भी डिग्री कोर्स में ग्रेजुएट हो किसी भी सब्जेक्ट से चाहे वह BA हो बीएससी हो बीटेक हो कोई भी सब्जेक्ट हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप आसानी से UPSC का EXam दे सकते हैं इस चीज को दिमाग से निकाल कर चलिए की टॉपर ही क्वालीफाई कर सकता है। और जो स्टूडेंट फाइनल ईयर में है वह भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं एक और बात की कैंडिडेट सिटीजन ऑफ इंडिया होना चाहिए IAS और IPS के लिए सिटीजन ऑफ इंडिया जरूरी है। अदर के लिए सर्विस जैसे IFS, IRS आदि में नेपाल भूटान पाकिस्तान के शामिल हो सकते हैं

UPSC ka exam kitni bar de sakte hai

अब बात आती है कितनी बार एग्जाम में शामिल हो सकते हैं। तो GENERAL के लिए 6 TURN होते हैं OBC के लिए 9 अटेम्प्ट और SC/ST के लिए NO LIMIT और जम्मू एंड कश्मीर में भी सेम ऐसे ही होता है।

अब एक और बात याद रखिए जिसको लेकर स्टूडेंट में काफी कंफ्यूजन रहता है याद रखें कि फॉर्म भरने से अटेम्प्ट अकाउंट नहीं होता है जवाब  प्रीलिम्स एग्जामिनेशन में शामिल होंगे तभी अटेम्प्ट काउंट होगा CIVIL SERVICE एग्जाम में सिलेक्शन होने का चांस 0.21% रहता है पिछली बार (Note: यह 2016 की सामग्री है) पिछली बार 2016 मे 1137000 youth ने फॉर्म डाला था लेकिन प्रीलिम्स देने गए 500000 इसमें क्वालीफाई 15445 ने किया इंटरव्यू के लिए 2955 उम्मीदवार हैं जबकि चयनित हुए 1099 यहां यह आंकड़ा बहुत कम है लेकिन अगर आप SSC या IBPS का डाटा देखेंगे तो तकरीबन इतने ही चांसेस रहते हैं सिलेक्शन के आपको सिर्फ सोचना है कि एक सीट आपके लिए है।अगर ज्यादा सोचेंगे तो माइंड में बर्डेन ही बढ़ेगा

Course pattern

अब बात करते हैं कोर्स पैटर्न का preliminary examination दूसरा Mains एग्जाम और थर्ड है interview प्रीलिम्स एग्जाम में 2 पेपर होते हैं पहला जनरल स्टडीज और दूसरा सीसैट का होता है दोनों दो 2 घंटे के पेपर होते हैं दोनों में 200 200 मार्क्स होते हैं लेकिन questions दोनों में डिफरेंट होते हैं एक में 100 questions और दूसरे में 80 questions होते हैं इसमें आप हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषा में से किसी में भी एग्जाम दे सकते हैं यह आपके ऊपर डिपेंड करता है किस लैंग्वेज में एग्जाम देना चाहते हैं

Civil Service Syllabus

अब बात करते हैं syllabus की first पेपर में जनरल स्टडीज के सारे एरिया कवर होते हैं हिस्ट्री करंट अफेयर्स इंडियन एंड वर्ल्ड ज्योग्राफी जनरल साइंस गवर्नेंस इत्यादि जबकि सेकेंड पेपर यानी सीसैट में SSC बैंकिंग एग्जाम टाइप के Questions होते हैं जिससे कंप्लेन शिफ्ट लॉजिकल रीजनिंग बेसिक नूमेरिकी होते हैं सवाल है कि दोनों पेपर में डिफरेंस क्या है तो दूसरा वाला सिर्फ क्वालीफाइंग है आपको 200 में से कम से कम 66 नंबर लाने ही होंगे जबकि पहला वाला पेपर मेरिट बनाती है और इसी आधार पर आप दूसरे स्टेज यानी mains exam तक पहुंच पाते हैं एक बात और ऐसा बिल्कुल नहीं है यह hard subject है हाई लेवल का आएगा पहली बात की एग्जाम में मल्टीपल चॉइस questions होते हैं दूसरी बार इसमें 10th, 11th, 12th का ही पूछा जाता है इसका मेन पार्ट करंट अफेयर्स होता है आपको Day/Today लाइफ से questions होंगे। इसके लिए 11th, 12th की बुक और मार्केट बहुत सारी बहुत आती है जनरल एप्टीट्यूड और करंट अफेयर्स के रिकॉर्डिंग आप ज्यादा से ज्यादा न्यूज़पेपर पढ़िए ऐसा नहीं है कि महीने के एंड में कोई मैगजीन ले ली और पढ़ लिया नहीं इससे नहीं होगा

Civil service Cut-off kitna banta hai

First Exam

अब सवाल है कि सिविल सर्विस एग्जाम के first stage को पार करने के लिए कितना cut-off बनता है पिछले पेपर में

  1. GENERAL का कट ऑफ 116 था।
  2. OBC का कट ऑफ 110 था।
  3.  SC का कट ऑफ 99 था।
  4.  ST का कट ऑफ 96 था।

इसमें सेकंड पेपर का मार्क्स नहीं जुड़ा है

Mains Exam

अब बात करते हैं Mains exam इस सेकंड स्टेज में आपका फ्यूचर डिसाइड होगा क्योंकि इसी के मार्क्स अकाउंट होते हैं एक बात और कि प्रीलिम्स के मार्क्स काउंट नहीं होते हैं

यह केवल सेकंड स्टेज तक जाने की प्रक्रिया है mains एग्जाम में टोटल 09 पेपर देने हैं इसका टोटल मार्क्स 1750 रहेगा इसमें आपको 9 में से 7 सब्जेक्ट पर ज्यादा फोकस करना है क्योंकि जो मेरिट बनाई जाती है वह 7 सब्जेक्ट से आती है इसके अलावा क्वालीफाइंग पेपर होते हैं इसके मार्क्स अकाउंट नहीं होते हैं लेकिन आपको 33 परसेंट नंबर लाने ही पड़ता है इसमें एक पेपर इंग्लिश का होता है जबकि दूसरा लैंग्वेज का होता है मतलब दोनों ही लैंग्वेज के होते हैं सवाल है कि आखिर Mains Exam के पेपर का सब्जेक्ट क्या है तो सबसे पहले बात करते हैं जनरल निबंध की इसमें निबंध आता है किसी भी सब्जेक्ट पर पॉलिटिक्स सोसाइटी टेक्नोलॉजी आदि एग्जाम में दो-दो निबंध लिखने को मिलते हैं मतलब 125-125 मार्क्स के

जनरल स्टडीज का- इसमें इंडियन हिस्ट्री कल्चर वर्ल्ड ज्योग्राफी सोसाइटी कवर होता है थर्ड पेपर में कंस्टीटूशन गवर्नेंस पॉलिटिक्स सोशल जस्टिस आर इंटरनेशनल रिलेशन आता है फोर्थ पेपर में टेक्नोलॉजी इकोनामिक डेवलपमेंट बायोडायवर्सिटी मतलब इकोलॉजी इंवॉल्वमेंट सिक्योरिटी डिजास्टर मैनेजमेंट से सवाल आते हैं।

Ethics integrity  aptitude

Ethics integrity  aptitude सामान्य शब्दों में कहूं तो आप क्या सोचते हैं आपका क्या विचार है किसी घटना को लेकर आप कैसे व्यक्त करते हैं जैसे खुशी क्या है इसका उत्तर अलग-अलग लोगों के लिए वेरी कर सकता है एक सैनिक के लिए मोर्चे पर जीत उसकी खुशी सकती है एक छात्र के लिए एग्जाम में टॉप करना हैप्पीनेस हो सकती है

अब अगले पेपर की बात करें तो दो ऑप्शनल सब्जेक्ट होते हैं इनमें से अपनी मर्जी का सब्जेक्ट चुनना होता है कुल 26 ऑप्शन होते हैं उसके बाद लैंग्वेज का पेपर देना होता है एक इंग्लिश और दूसरा कोई भी आप का लोकल लैंग्वेज हो सकता है लेकिन वही लैंग्वेज जो संविधान में देखने को मिलता है ध्यान दीजिए कि लैंग्वेज के दोनों पेपर केवल क्वालीफाइंग हैं मतलब 33 परसेंट नंबर लाना है लेकिन इसके नंबर Mains में नहीं जुड़ेंगे

Mains Exam me Cut-off kitna hota hai

अब सवाल है कि Mains exam में cut-off कितना होता है पिछली बार टोटल 1750 marks में से General के लिए कटऑफ 787 गया जबकि OBC के लिए 745 SC के लिए 739 ST के लिए 730 यह CUT-OFF देखकर आपको लग रहा होगा कि यह काफी कम है लेकिन हकीकत यह है कि इस एग्जाम में 1-1 नंबर लाना हार्ड है 1-1 नंबर पर RANK बदल जाती है Mains exam को क्लियर करके आप थर्ड स्टेज में पहुंच जाते हैं इसे पर्सनालिटी टेस्ट कहते हैं और आम भाषा में से interview कहा जाता है सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स यहीं पर रिजेक्ट हो जाते हैं जिन लोगों ने interview दिए हैं उनका कहना है कि लैक आफ कॉन्फिडेंस वे आफ टॉकिंग पर मामला गड़बड़ हो जाता है civil service exam के लिए पिछली बार कितना कटऑफ रहा तो ओ General के लिए 988 obc के लिए और SC के लिए 937और ST की बात करें तो 920 cut-off गया। 2025 मार्क्स में से निकल कर आए हैं जो मेंस और इंटरव्यू के मार्क्स है

Kitne selection hua

अब सवाल आता है कुल कितने सिलेक्शन हुए मतलब पिछले ईयर में 2016 में टोटल 1099 सिलेक्शन हुए इसमें 500 GENERAL 347 OBC और 163 SC और ST में 89 अब देखिए कौन सी कैटेगरी में कितनी सिलेक्शन हुआ कितने लोग IAS बने अगर आप अंडर हंड्रेड RANK में है तो चांसेस रहते हैं कि आप IAS बन जाए ज्यादा RANK है। तो IFS, IPS, IRS सहित 24 सर्विस में से कोई एक मिलेगी फॉर्म भरते समय आपको चॉइस भी भरनी होती है कि कौन-कौन सी सर्विस आप पसंद करते हैं तीनों सर्विस यानी IAS, IFS, IPS को ऑल इंडिया सर्विस कहा जाता है बाकी सर्विस सेंट्रल सर्विस में आती है

Civil service me Salary kitni hoti hai – IAS, IPS, IFS ect

How to become an IAS officer
दोस्तों यहां पर Question रहेगा कि इतनी सारी मेहनत कर वाली तो सैलरी क्या होगी। इनकी सैलरी के होती है रैंक वाइज और जॉब के अनुसार जैसे-
  1. DM का पे स्केल 50000 से डेढ़ लाख
  2. मंत्री के सचिव या विभाग के प्रमुख सचिव को 100000 से 200000
  3. चीफ सेक्रेटरी को 200000
  4. और कैबिनेट सचिव को 250000 मिलता है

अब मुद्दे की बात पर आते हैं की तैयारी के लिए strategy क्या बनाई जाए मेरा मानना है कि आप सबसे पहले सब्जेक्ट के बारे में पूरी जानकारी collect करो पूरा सिलेबस पढ़ो टॉपर्स की बातें सुनो लेकिन उसी को फॉलो करके आगे नहीं बढ़ना है सबकी सुनो और अपने मन की strategy तैयार करो क्योंकि हो सकता है कि जो subject टॉपर का है वह आपके मनपसंद ना हो और हां civil service की तैयारी सिर्फ इसलिए मत कीजिए कि किसी ने आपको सलाह दी है यह आवाज आपके मन से आनी चाहिए तभी आप दिल और दिमाग से CIVIL SERVICE – IAS, IPS, IFS Etc एग्जाम पास कर पाएंगे।

Note:

हमारा उद्देश्य है आपको एक बेहतर सलाह देना आपको एक बेहतर जानकारी देना आप अपना कोई भी बिजनेस या कैरियर से संबंधित कोई भी कोर्स या जॉब अपने आत्मविश्वास पर करें पर करें। धन्यवाद। आपका दिन शुभ हो। आपके सभी काम सफल हो।