आइए जानते हैं कैसे रखें अपने बॉडी फैट परसेंटेज को कंट्रोल

1. संतुलित आहार लें

वजन और बॉडी फैट परसेंटेज कंट्रोल करने का सबसे जरूरी और पहला कदम है संतुलित आहार लेना। कम कैलोरी का सेवन करने से आपकी बॉडी में अतिरिक्त फैट जमा नहीं होगा। वहीं एनर्जी के लिए बॉडी शरीर में मौजूद फैट का उपयोग करेगी, जिससे वजन कम होगा। इसलिए डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, हल्का प्रोटीन आदि भरपूर मात्रा में शामिल करें।

यह भी पढ़े :हर महीने महिलाओं को मिलेंगे ₹1000! महिलाओं के हित में झारखंड राज्य की नई योजना, जानिए कैसे उठाएं लाभ

2. ओवरईटिंग से बचें

फिट और हेल्दी रहने का राज छिपा है आपके खाने के पोर्शन में। हमेशा भूख लगने पर ही खाना खाएं। जितनी भूख है, उससे थोड़ा कम खाएं, ओवरईटिंग से बचें। भोजन हमेशा धीरे-धीरे और चबाकर खाएं। इससे कम खाने पर भी आपको तृप्ति का एहसास होगा। छोटी प्लेट में खाना खाने से भी डाइट कंट्रोल होती है।

आइए जानते हैं कैसे रखें अपने बॉडी फैट परसेंटेज को कंट्रोल

3. रेगुलर एक्सरसाइज जरूरी

वजन कम करने और बॉडी फैट परसेंटेज घटाने के लिए आपका एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। इसलिए अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज को जगह दें। दिन की शुरुआत एरोबिक, जॉगिंग, वॉकिंग, साइकिलिंग, स्विमिंग या फिर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से करें। इससे आपकी कैलोरी बर्न होगी, मांसपेशियां मजबूत होगीं, मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होगा और फैट लॉस भी होगा।

यह भी पढ़े : राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही खाद्य सुरक्षा योजना, जानिए कब हुई शुरुआत और फॉर्म भरने की प्रक्रिया

4. शरीर को रखें हाइड्रेट

वेट और बॉडी फैट परसेंटेज लॉस के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। अक्सर लोग प्यास को भूख समझने की गलती कर बैठते हैं, लेकिन इसे लेकर आप सचेत रहें।

अगर आप भी वजन कम करना चाहती हैं तो सुबह सवेरे अपनाए इन आदतों को

1. हेल्दी ब्रेकफास्ट करें

सुबह का नाश्ता यानी ब्रेकफास्ट दिन का सबसे जरूरी मील होता है। हम सुबह नाश्ते में जो कुछ खाते पीते हैं, उससे हमें दिनभर के कामों के लिए एनर्जी मिलती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो आपको ब्रेकफास्ट में प्रोटीन और फाइबर युक्त ब्रेकफास्ट करना चाहिए। दरअसल, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करने से भूख कम लगती है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है। इसके लिए आप सुबह नाश्ते में अंडे, पनीर, स्प्राउट्स, योगर्ट, स्मूदी, सलाद, चीज और नट्स को शामिल कर सकते हैं।

यह भी पढ़े : राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही खाद्य सुरक्षा योजना, जानिए कब हुई शुरुआत और फॉर्म भरने की प्रक्रिया

2. कुछ देर धूप में बैठें

सुबह-सुबह कुछ देर धूप में बैठना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह सूरज की रोशनी में बैठने से शरीर विटामिन-डी मिलता है, जो वजन घटाने और फैट बर्न करने में मदद करता है। कई स्टडी से यह पता चलता है कि सुबह कुछ समय धूप में बिताने से न सिर्फ वजन घटाने में मदद मिलती है, बल्कि कई बीमारियां भी दूर हो सकती हैं।

अगर आप भी वजन कम करना चाहती हैं तो सुबह सवेरे अपनाए इन आदतों को

3. एक्सरसाइज करें

सुबह उठकर एक्सरसाइज करना वजन घटाने की सबसे अच्छी आदतों में से एक है। सुबह वर्कआउट करने से ब्लड शुगर लेवल पूरे दिन नियंत्रित रहता है। इसके अलावा, सुबह-सुबह एक्सरसाइज करने से मेटाबॉलिक रेट भी बेहतर होता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

यह भी पढ़े :हर महीने महिलाओं को मिलेंगे ₹1000! महिलाओं के हित में झारखंड राज्य की नई योजना, जानिए कैसे उठाएं लाभ

4. सुबह उठकर पानी पिएं

वजन घटाने के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। सुबह उठते ही आपको 1-2 गिलास गुनगुना पानी या कमरे के तापमान का पानी पीना चाहिए। आप चाहें तो गुनगुने नींबू पानी का भी सेवन कर सकते हैं। इससे बॉडी डिटॉक्स होती है, जो वेट लॉस में मदद करता है। सुबह के समय पानी पीने से मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है, जिससे फैट बर्न करने में मदद मिलती है।

पैरों में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में और मांसपेशियां रिलैक्स को रिलैक्स करने में मददगार हो सकते हैं ये योगासन

1. विपरीतकरणी आसन

यह आसन सेहत की डबल डोज जैसा है। इससे आपके पैरों में रक्त प्रवाह भी तेज होता है और दिल भी सेहतमंद रहता है। इसे करना बहुत आसान है। इसके लिए एक योगा मैट लें और पीठ के बल लेट जाएं। धीरे-धीरे अपने पैरों को दीवार पर ऊपर उठाएं, हिप्स 90 डिग्री के कोण पर रखें। अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ें और अपनी पीठ को फर्श पर सपाट रखें। अपने हाथों को समानान्तर रखें। इस स्थिति में 1 मिनट तक रहें। फिर धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ते हुए अपने पैरों को नीचे लाएं

यह भी पढ़े : राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही खाद्य सुरक्षा योजना, जानिए कब हुई शुरुआत और फॉर्म भरने की प्रक्रिया

2. उत्कटासन

चेयर पोज को उत्कटासन भी कहा जाता है। यह आसन पैरों में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह पाचन तंत्र भी सुधारता है। इससे पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखें। धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें जैसे कि आप एक कुर्सी पर बैठने जा रहे हों, अपनी पीठ को सीधा रखें। अपनी जांघों को फर्श के समानांतर रखने की कोशिश करें। हाथों को ऊपर उठाएं और नमस्ते की मुद्रा में रखें। इस मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें और फिर नॉर्मल हो जाएं।

पैरों में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में और मांसपेशियां रिलैक्स को रिलैक्स करने में मददगार हो सकते हैं ये योगासन

3. पादहस्तासन

पादहस्तासन को हैंड्स टू फीट पोज भी कहा जाता है। यह आसान पैरों के साथ ही रीढ़ की हड्डी के लिए भी अच्छा है। यह पैरों से हृदय की ओर होने वाले रक्त प्रवाह को बढ़ता है। साथ ही पाचन तंत्र में भी सुधार करता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। आपकी पीठ बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। अब गहरी श्वास लें और अपने हाथों को ऊपर उठाएं। अब पैरों की ओर झुकें। अपने धड़ को जितना हो सके जांघों की ओर लाने का प्रयास करें। अब हाथों को अपने पैरों के पास जमीन पर रखने का प्रयास करें। यदि आप जमीन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो टखनों, पिंडली या घुटनों को पकड़ें। इस स्थिति में कुछ देर रुकें, धीमी और गहरी सांस लेते रहें। धीरे-धीरे सीधे खड़े हो जाएं। इसे आप तीन से पांच बार कर सकते हैं।

यह भी पढ़े :हर महीने महिलाओं को मिलेंगे ₹1000! महिलाओं के हित में झारखंड राज्य की नई योजना, जानिए कैसे उठाएं लाभ

4. जानु शीर्षासन

अगर आप अक्सर पैरों में ऐंठन और पिंडलियों में दर्द महसूस करते हैं तो यह आसन आपको जरूर करना चाहिए। इसके लिए एक योगा मैट पर एक पैर फैलाकर और दूसरा मोड़कर बैठें। गहरी सांस लें और रीढ़ को सीधा रखें। अब सांस छोड़ें और हिप्स से आगे की ओर झुकें। पैर के अंगूठे या पिंडली तक झुकने की कोशिश करें। इस मुद्रा में करीब 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुकें। फिर नॉर्मल हो जाएं।

आइए जानते हैं खुद को तनाव से मुक्त कैसे रखा जा सकता है

1. तनाव से ऊर्जा की ओर बढ़ेंगे आप

जब आपका दिमाग बहुत ज्यादा उलझनों में फंस जाए तो आप सभी कामों से बस 15 मिनट का ब्रेक लें। फिर ध्यान की मुद्रा में बैठे या फिर आप अपनी कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं। अपनी आंखों को बंद करें और अपना पूरा ध्यान श्वास पर केंद्रित कर दें। अपना ध्यान भटकने न दें। बाहर की किसी भी आवाज पर ध्यान न दें, सिर्फ श्वास पर ध्यान लगाएं। करीब 15 मिनट तक आप इसी मुद्रा में रहें। जब आप आंखें खोलेंगे तो पहले से ज्यादा फ्रेश और हल्कापन महसूस करेंगे। आप सकारात्मक सोच के साथ उठेंगे। आप तनाव से फिर से ऊर्जा की ओर बढ़ सकेंगे।

यह भी पढ़े :हर महीने महिलाओं को मिलेंगे ₹1000! महिलाओं के हित में झारखंड राज्य की नई योजना, जानिए कैसे उठाएं लाभ

2. खुद को दें एक छोटा सा ब्रेक

अगर आप उन लोगों में से हैं जो कुर्सी से चिपक कर सिर्फ काम में ही लगे रहते हैं और अपने तनाव में ही घुलते रहते हैं, तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। आप काम के बीच में से कम से कम 15 मिनट खुद को दें। दोस्तों के साथ बाहर जाएं, धूप में बैठें, ताजी हवा में सांस लें। शोध बताते हैं कि कुछ देर खुली हवा में सांस लेने से आपकी चिंताएं कम होंगी, आप अधिक ऊर्जा के साथ काम कर सकेंगे। साथ ही आपकी याददाश्त भी बेहतर होगी। कोशिश करें कि ये समय आप प्रकृति के बीच में बिताएं। इससे आपको काफी फ्रेश फील होगा।

आइए जानते हैं खुद को तनाव से मुक्त कैसे रखा जा सकता है

3. हंसना जरूरी है

क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि आप दिन में कितनी बार दिल से खुश होकर खिलखिला कर हंसते हैं। अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो यह सच में चिंता की बात है। हंसना जिंदगी का अहम हिस्सा है। इसलिए दिन में 15 मिनट आप हंसने और लोटपोट होने के लिए निकालें। हंसी आपकी टेंशन को दूर कर आपके माइंड को फ्रेश करेगी। इतना ही नहीं इससे आपका हृदय, फेफड़े और मांसपेशियां भी उत्तेजित होती हैं। हंसने से एंडोर्फिन नामक हार्मोन रिलीज होता है, जिससे दिमाग अच्छा महसूस करता है। इससे आपके शरीर का परिसंचरण सुधरता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है।

यह भी पढ़े : राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही खाद्य सुरक्षा योजना, जानिए कब हुई शुरुआत और फॉर्म भरने की प्रक्रिया

4. चलो थोड़ा हिसाब किताब करें

जब भी हमारा मूड खराब होता है तो हमारे दिमाग में वो सभी चीजें घूमने लगती हैं, जिन्हें पाने में हम सफल नहीं हो सके। लेकिन ये सिक्के का सिर्फ एक ही पहलू है। जब भी आप ऐसा महसूस करें एक पेन-पेपर लें और अपनी उपब्धियों को लिखना शुरू करें। अपने रिश्तों, दोस्तों, अपनी उपलब्धियों, अपने जीवन स्तर में परिवर्तन आदि को लिखें, आप पाएंगे कि आपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है। ऐसा करने से आपका तनाव कम होगा। आप अगर क्विक फ्रेशनेस चाहते हैं तो 15 मिनट अपना फेवरेट म्यूजिक भी सुन सकते हैं।

झाइयों से छुटकारा पाने के लिए अपनाए यह घरेलू उपाय

झाइयों से छुटकारा पाने के लिए अपनाए यह घरेलू उपाय, नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के हमारे इस नए समाचार में दोस्तों अगर आप भी झाइयों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो या आर्टिकल आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है तो लिए दोस्तों आपको भी इस आर्टिकल के माध्यम से पूरी जानकारी विस्तार से समझते हैं।

यह भी पढ़े : Bigg Boss OTT 3 Finale : बिग बॉस ओटीटी थ्री फिनाले के शुरुआत से पहले ही विनर का नाम हुआ रिवील ,जानें किसकी होंगी ट्रॉफी

दही और नींबू का रस

दोस्तों झाइयों से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आप दो चम्मच दही में एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट बाद ठंडे पानी से मुंह को धो लें।

झाइयों से छुटकारा पाने के लिए अपनाए यह घरेलू उपाय

मसूर दाल का फेस पैक

और इसके अलावा भीगी हुई मसूर दाल को पीसकर पेस्ट बना लें और इसे चेहरे पर लगाएं। 20 मिनट के बाद क्लीन कर लें। हफ्ते में एक बार इसका इस्तेमाल करने से धीरे-धीरे झाइयां कम होने लगेंगी।

शहद और नींबू का रस

इसे साथ ही एक चम्मच शहद में थोड़ा सा नींबू का रस मिक्स कर लें और इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट बाद पानी से साफ कर लें।

यह भी पढ़े : Air Force Group C Vacancy :10वीं पास अभ्यर्थी के लिए भारतीय वायु सेना में ड्राइवर, हिंदी टाइपिस्ट और क्लर्क भर्ती का विज्ञापन हुआ जारी 

कच्चा दूध

इसके अलावा आप कच्चे दूध में रुई डुबोकर चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। दूध में लैक्टिक एसिड मौजूद होता है, दोस्तों इससे झुइयो से छुटकारा पाने में काफी मदद मिलती है।

आइये जानते है, थायरॉइड होने से पहले शरीर में क्या लक्षण होते है?

आइये जानते है, थायरॉइड होने से पहले शरीर में क्या लक्षण होते है?, थायरॉइड ग्लैंड हार्मोन का स्राव करती है जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं। जब ये हार्मोन असंतुलित होते हैं, तो यह मांसपेशियों और जोड़ों की समस्याओं को जन्म दे सकता है, खासकर पैरों में। थायरॉइड असंतुलन के कारण पैरों में जोड़ों में अकड़न और धड़कन वाला दर्द, पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी, पैरों की उंगलियों और तलवों में झुनझुनी या सुन्नता, पैर के निचले छोरों में दर्द और सनसनी, एड़ियों और पैर की उंगलियों पर सूजन, दरारें और कॉलस, लंबे समय तक खड़े रहने या चलने में कठिनाई, और संतुलन में कमी और गिरने का जोखिम बढ़ जाना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

यह भी पढ़े : 12वीं पास के लिए एयरपोर्ट ग्राहक सेवा एजेंट में 3568 पदों पर भर्ती शुरू ,आज ही करे आवेदन 

थायरॉइड असंतुलन के कारण पैरों में दर्द हो सकता है, जो हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म के कारण हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म से मांसपेशियों की ताकत कम हो जाती है और पैरों में ऐंठन होती है, जो पैर और निचले पैरों में दिखाई दे सकती है। यह ड्राई स्किन और असंतुलित ब्लड सर्कुलेशन का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप एड़ियों में दरारें और पैरों पर कॉलस हो जाते हैं।

आइये जानते है, थायरॉइड होने से पहले शरीर में क्या लक्षण होते है?

इन लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कुछ जीवनशैली उपाय अपनाए जा सकते हैं। कम प्रभाव वाले व्यायाम जैसे वॉकिंग, स्विमिंग या साइकिल चलाना ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जिससे थाइरोइड की स्थिति में होने वाला दर्द कम हो जाता है। पैर की मांसपेशियों और जोड़ों को स्ट्रेच करने के लिए योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज में भाग लेना भी फायदेमंद होता है।

यह भी पढ़े :PM Mudra Loan Yojana 2024 : सरकार की इस योजना से खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना होगा पूरा ,ऐसे करे आवेदन 

इन बदलावों से आप थायरॉइड के कारण होने वाले पैरों में दर्द और अकड़न को नियंत्रित कर सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आर्च सपोर्ट और शॉक एब्जॉर्ब करने वाले उचित जूते पहनना, पैरों को नियमित रूप से भिगोना और मॉइस्चराइज़ करना, और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए ऑयल की मदद से पैरों की मालिश करना भी मददगार हो सकता है।