पत्र लेखन एक कला है जिसके Duwara से व्यक्ति को likhit में अपने मन के ideas और emotions को व्यक्त करने का मौका मिलता है। Hindi Patra Lekhan ऐसा hona चाहिए, जिसमें पाठक को writer के पत्र likhne का उद्देश्य अच्छे से समझ में आये। पत्र writer में एक प्रेषक (Sender) और एक प्रापक (Receiver/ Recipient) होता है। Patra lekhan hindi में दो प्रकार से kiya जाता है; औपचारिक पत्र लेखन और अनौपचारिक patra लेखन।
आज के internet और social media के दौर में भी Patra Lekhan In Hindi की एक अहम् bhumika रहती है। Sarkari works से लेकर निजी व्यवसायिक works में पत्र लेखन को jaruri माना जाता है। अच्छे patra lekhan से आप किसी अपरिचित को भी अपने vichar सरलता से समझा सकते है और अपनी बात manva सकते है।
Letter या पत्र लेखन की महत्वता को samajhte हुए आज हम ये ब्लॉग लेकर आये है। इस blog में आपको पत्र लेखन क्या है, पत्र lekhan कैसे लिखा जाता है, opcharik पत्र कैसे लिखते है, Anopcharik पत्र के आज के ज़माने में क्या mayne है, आदि important information उदाहरण सहित बताई है, जिससे आप hindi patra lekhan (Hindi Letter Writing) की कला में निपुणता hasil कर सके और पत्र के pathak पर अच्छा प्रभाव डाल सके।
पत्र लेखन क्या होता है –
Hindi Patra Lekhan – पत्र लेखन | Format | प्रकार | उदाहरण | How to write a letter
Letter या पत्र lekhan एक ऐसा साधन है jiske द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने विचारों को nisankoch रूप से लिख कर प्रस्तुत कर सकता है। Patra लिख कर भेजने वाले को presesak कहा जाता है, और पत्र पाने wale को प्रापक कहा जाता है। Patra lekhan का प्रयोग बहुत long time से किया जा रहा है। Sarkari, निजी अथवा व्यापार sambandhi कार्यों में Hindi Patra Lekhan का विशेष महत्व है।
दूर रह रहे parijano, परिवारवालों, मित्रों etc से संबंध साधने हेतु, सलाह देने व संदेश bhejne के लिए भी पत्रलेखन का प्रयोग किया जाता है। पत्र को लिखते समय udeshiye का ध्यान रखते हुए, संक्षेप में स्पष्टता से likha जाता है। Patra Lekhan Hindi Mein दिनांक, संबोधन और abhiwadan का भी ख़ास महत्व होता है।
आइये अब जानते है Letter Writing in Hindi के लिए क्या-क्या jankari होना आवश्यक है।
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.पत्र लेखन के लिए आवश्यक जानकारी.
एक पत्र का Importance तभी होता है जब उसे एक आदर्श पत्र की तरह likha गया हो। एक आदर्श पत्र parbhavshali होता है, jisse पत्र पाने वाले को पत्र bhejne वाले का उद्देश्य सही तरीके से samajh आ सके, और प्रापक patra में लिखी गयी baton पर संज्ञान ले सके। Aaiye जानते है Patra Lekhan के लिए किन बातों को dhiyan में रखना आवश्यक है-
- Patra likhte समय सरल भाषा का उपयोग करना Avasayak होता है, जिससे पत्र का Pathak आसानी से आपकी बात समझ पाए।
- Letter या पत्र का उद्देश्य पूर्ण tarike से लिखा जाना चाहिए। पत्र लिखते वक़्त udeshiye को ध्यान में रखते हुए sidhi और स्पष्ट language में पत्र लिखना चाहिए।
- Patra को संक्षेप में लिखा जाना jaruri होता है (खासकर Aupcharik Patra In Hindi लिखते समय)। इधर-उधर की बात करने से बचें, taki पढने वाले का ध्यान आपके udeshiye पर ही केन्द्रित रहे।
- Letter likhte समय भाषा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। Patra की भाषा को vinarm और शिष्ट होना चाहिए, jisse प्रापक पर पत्र likhne वाले का अच्छा प्रभाव पड़े। Hindi Letter likhte समय कृपया, dhaniyewad, जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- पत्र दिखने में saaf होना चाहिए। उसमें किसी प्रकार की काट-पीट नहीं होनी चाहिए, ऐसा होने से pathak के मन में पत्र के उद्देश्य के प्रति संशेय पैदा हो सकता है। Athwa यह दिखने में भी अच्छा नहीं लगता है।
- Letter की शुरुआत पढ़ने वाले व्यक्ति के savbhav, भावनाओं एवं AatmSamman को ध्यान में रखकर करनी चाहिए। महोदय, आदरणीय, priya जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
- पत्र का Molik होना आवश्यक है। Patra लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि patra में पत्र पढने वाले के subject में अधिक लिखा जाए। ऐसा करने से pathak के मन में पत्र पढने में ruchi उत्पन होती है।
पत्र लेखन के प्रकार | Types Of Patra lekhan
Patra Lekhan Hindi के मुख्य रूप से 2 प्रकार होते है-
- औपचारिक पत्र (Formal Letter)
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
आइये अब विस्तार से patra likhne के इन दोनों प्रकारों को समझते हैं और sath ही जानते हैं Hindi Patra Lekhan Format के Bare में.
1. औपचारिक पत्र (Formal letter)
औपचारिक पत्र (Formal letter) में उन पत्रों को samil किया जाता है जो पदाधिकारियों, Sampadan, प्रधानाचार्य, व्यापारियों, ग्राहक, books विक्रेता, etc को लिखे जाते है, अर्थात Aupcharik Patra Lekhan In Hindi में पत्र उन logo को लिखे जाते हैं जिनसे hamara कोई निजी या पारिवारिक संबंध नहीं होता। Formal letter लिखते समय भाषा और पत्र के प्रारूप (Letter Format In Hindi) को ध्यान में rakhna बहुत आवश्यक होता है।
Formal Letter In Hindi (औपचारिक पत्र) में निम्नलिखित Patra भी आते है –
#1. प्रार्थना पत्र: विद्यालय से related किसी भी प्रकार की problem के लिए parathna पत्र लिखा जाता है। निम्न स्तिथियों में principal, मुख्याध्यापक को प्रार्थना Patra लिखा जाता है-
- अवकाश
- शुल्क मुक्ति
- आर्थिक सहायता
- छात्रवृत्ति (Scholarship), आदि।
#2. आवेदन पत्र: किसी कंपनी, organization, या औद्योगिक विभाग में naukri प्राप्त करने हेतु registration letter लिखा जाता है।
#3. बधाई पत्र: औपचारिक बधाई पत्र वो patra होता है जिसमें किसी officer को उसकी सफलता की Uplabdhi के लिए बधाई दी जाती है.
#4. शुभकामना पत्र: जो पत्र किसी Officer को शुभकामनाएं देने के Udeshiye से लिखा जाता है उसे shubhkamna पत्र कहते हैं।
#5. व्यावसायिक पत्र: जो पत्र व्यापारिक प्रतिष्ठानों, Parkashani अथवा books विक्रेताओं आदि को लिखे जाते हैं उन्हें व्यावसायिक पत्र कहते हैं। Simple language में कहा जाये तो, व्यापर-संबंधी patro को व्यवसायिक पत्र कहते हैं।
#6. शिकायती पत्र: जो पत्र किसी officer को समस्या प्रकट करने हेतु likha जाता है उसे complaint letter कहते है।
#7. धन्यवाद पत्र: किसी function या विशेष Utsav को सफल बनाने हेतु शुक्रियादा करने के लिए dhaniywad पत्र लिखा जाता है।
#8. सांत्वना पत्र: यह पत्र किसी officer या उसके परिवार को शोक के avsar पर सांत्वना pardan करने हेतु लिखा जाता है।
#9. संपादकीय पत्र: संपादकीय पत्र वो patra होते हैं जो संपादक (Editor) को लिखे जाते हैं। संपादकीय patra का उद्देश्य कोई information या समस्या संबंधित officer तक पहुँचाने के लिए, या अपने लिखे हुए lekh जैसे- कहानियां, kavita समाचार पत्र (जैसे अख़बार) में print के लिए, लिखे जाते है।
औपचारिक पत्र को मुख्य रूप से तीन भाग में बाँटा गया है –
1. सामाजिक पत्र – Samajik patra के अंतर्गत मित्रों, संबंधियों को likhe गए पत्र और निमंत्रण पत्र आते हैं।
2. व्यापारिक और व्यवसायिक पत्र – संपादकीय पत्र, प्रार्थना पत्र तथा office संबंधी पत्र आदि vyaparik और व्यवसायिक पत्रों के antargat आते हैं।
3. सरकारी कार्यालय के लिए पत्र – इसमें वो patra आते हैं जो sarkari office में एक विभाग से दूसरे विभाग को, एक अधिकारी से दूसरे Office को लिखे जाते हैं। इन्हें आधिकारिक पत्र भी कहा jata है।
औपचारिक पत्र का प्रारूप के अंतर्गत आने वाले 7 अंग
Aupcharik Patra Lekhan के निम्नलिखित 7 मुख्य अंग होते हैं, इन्हें क्रमानुसार दिया गया है-
- प्रेषक का पता: सबसे पहले left side से letter की शुरुआत करते हुए patra लिखने वाले का Name और Adress लिखा जाता है।
- दिनांक: प्रेषक के पते के नीचे जिस Date को पत्र लिखा गया है, वो Date लिखी जाती है।
- पत्र प्रापक का पदनाम (Designation) और पता: अब पत्र पाने वाले का पदनाम और Adress लिखा जाता है।
- विषय: पत्र लिखने के Udeshiye को संक्षेप में, केवल एक ही वाक्य में ‘विषय’ के अंतर्गत लिखा जाता है।
- संबोधन: विषय के बाद पत्र प्रापक को sambodhit करते हुए माननीय, महोदय, मान्यवर etc शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
- विषय-वस्तु: संबोधन के बाद विषय-वस्तु को Normally पर दो अनुच्छेदों में likha जाता है। पहले अनुच्छेद में problems के बारे में लिखा जाता है तथा दूसरे anuched में आप प्रापक से उस समस्या के sandarbh में क्या अपेक्षा रखते हैं, यह लिखना होता है।
- हस्ताक्षर और नाम: पत्र की samapti पर पत्र लिखने वाले को अपने signature करने होते हैं और उसके नीचे अपना name लिखना होता है।
2. Aupcharik Patra Format – औपचारिक पत्र के उदाहरण
औपचारिक पत्र: अपने Area में सड़कों पर गड्ढों से उत्पन्न होने वाली problem की ओर ध्यान attractive करने के लिए दैनिक News पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
11/4, नवादा
उत्तम नगर,
दिल्ली
दिनांक: 07 जनवरी 2018
सेवा में,
संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
उत्तम नगर, दिल्ली
विषय– हमारे Area में गड्ढों के karan हो रही परेशानी।
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय Denik samachar के माध्यम से सम्बंधित officers को सूचित करना चाहती हूँ कि sadko पर गड्ढे होने के कारण हमें अपने area में काफी problems का सामना करना पड़ रहा है, कुछ दिन पहले ही barish का mosam शुरू हुआ है जिससे हमारी problems और बढ़ गयी हैं।
इस संकट का सामना sabse अधिक आम लोगो को, dukandaro को और students को करना पड़ रहा है। गड्ढों के कारण Gadiya को निकालने में dikkat होती है, जिसकी वजह से मुख्य sadak पर लम्बा जाम लगा रहता है। Rahagiro के लिए भी सड़क पर chalna मुश्किल हो गया है। गड्ढों से होने वाले accident की समस्या तो और भी अधिक Gambhir हो गयी है।
इसलिए मैं आपके Akhbhar की सहायता से related officers का ध्यान इस ओर attractive करना चाहती हूँ। मुझे उम्मीद है कि आप hamari मदद करने में saksham होंगे और जल्द से जल्द हमारी इस problems का samadhan निकालने का कार्य किया जाएगा। इस works में आपके सहयोग के लिए मैं apki सदा आभारी रहूंगी।
धन्यवाद
भवदीया
रिया वोहरा
औपचारिक पत्र: ग्यारहवीं class में विज्ञान subject लेने के लिए अपने विद्यालय के principal को आवेदन पत्र लिखिए।
सेवा में
प्रधानाचार्य जी
कमल मॉडल स्कूल
पुणे, महाराष्ट्र
महोदय,
सविनय Nivedan है कि मैं आपके विद्यालय में दसवीं class का छात्र हूँ। मैंने इसी सत्र में board परीक्षा दी है। मेरे family में सभी लोग medical के क्षेत्र में कार्यरत हैं। मेरी भी science subject में interest है और मैं doctor बनना चाहता हूँ। विद्यालय में दसवीं की अर्धवार्षिक exam में मैंने 90% अंक hasil किये हैं और science subject में 96% अंक प्राप्त किये हैं। मेरी apse प्रार्थना है कि मुझे 11वीं class में विज्ञान विषय लेने की anumati प्रदान करें जिससे मैं doctor बनने की ओर अग्रसर हो सकूँ।
आपकी अति कृपा होगी।
धन्यवाद्।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
कुलदीप
कक्षा 10
12 अप्रैल 2020..!!!!!!!!!
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