बिल्ली के गले में घंटी की कहानी | Billi ke gale me ghanti ki kahani – Hindi Story

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बिल्ली के गले में घंटी की Hindi kahani इस कहानी के अंदर बताया गया है कि कैसे कुछ चूहे बिल्ली के गले में घंटी बांधने की प्लानिंग करते हैं वो इस प्लानिंग में सफल हो पाते हैं या नहीं जानिए इस Hindi story में। 

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Hindi kahani – Hindi story

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बिल्ली के गले में घंटी की कहानी | Billi ke gale me ghanti ki kahani – Hindi Story

एक बहुत बड़ा घर था उसके अंदर सैकड़ों की तादाद में चूहे रहते थे और मैं अपना पेट भरने के लिए पूरे घर में घूमते रहते थे और सभी छुएं उस घर में बहुत खुश भी थे चूहे आराम से हंसी खुशी से अपना पेट भर लिया करते थे। फिर 1 दिन ऐसा हुआ वहां पर अचानक से एक बिल्ली आ गई वह शिकार की तलाश में उस घर में आई थी जैसे ही चूहों ने बिल्ली को देखा मैच में इधर-उधर भागने लगे और जाकर अपने बिल में छुप गए बिल्ली ने देखा कि उस घर के अंदर बहुत सारे चूहे हैं बिल्ली है सोच कर बहुत ही खुश हुई। 

Hindi kahani | Hindi Story

फिर बिल्ली ने भी यहीं पर रहने का मन बना लिया जब भी बिल्ली को भूख लगती थी मैं अंधेरे में जाकर छुप जाती थी और जब भी वहां से कोई चूहा बाहर निकलता था तो उसको एकदम पकड़कर खा लेती थी बिल्ली को इस सब में बड़ा ही मजा आ रहा था और चूहों के सर में इस चीज को लेकर दर्द होने लगा बिल्ली में की परेशानी बन गई थी। जब बिल्ली रोज चूहों का शिकार करती थी तो धीरे-धीरे चूहों की संख्या कम होने लगी और चूहों के अंदर दहशत फैल गई थी। इस चीज से परेशान होकर चूहों ने आपस में एक मीटिंग करी मीटिंग के अंदर सभी चूहे मौजूद थे सब बिल्ली को रोकने के लिए अलग-अलग सुझाव दे रहे थे ताकि मैं बिल्ली के आतंक से बच सके लेकिन किसी का भी सुझाव ऐसा नहीं था जिससे कि बिल्ली का आतंक कंट्रोल में आ जाए।

कहानी संग्रह | मजेदार कहानी | Hindi kahani

सभी चूहे आपस में बैठकर चर्चा कर ही रहे थे कोई हल नहीं निकल रहा था तभी एक बूढ़ा चूहा वहां पर आया उस बूढ़े चूहे ने एक सुझाव दिया कुछ बड़े चूहे ने कहा कि हम दिल्ली से बच सकते हैं लेकिन इस सब के लिए हमें एक घंटी की जरूरत पड़ेगी और एक धागे की जरूरत पड़ेगी। उस बूढ़े चूहे ने कहा कि हम बिल्ली के गले में घंटी बांध देंगे और जब भी बिल्ली आएगी उसके गले में घंटी बजेगी तो हम घंटी की आवाज सुनकर सतर्क हो जाएंगे और जाकर अपने बिल में छुप जाया करेंगे और इस सब से हम बिल्ली का शिकार होने से बच जाएंगे सभी चूहों को बूढ़े चूहे की बात में दम लगा और भी खुशी से झूमने लगे। अब उनको बिल्ली से बचने का उपाय मिल गया था।

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सभी चूहे इस बात की खुशी मना रहे थे तभी एक अनुभवी चूहा उठा और वहां पर खुशी मना रहे सभी चूहों को डांट लगाई और बोला आप सभी मूर्ख हो चुपचाप बैठ जाओ। इतना कहने के बाद अनुभवी चूहे ने कुछ ऐसा बोला जिसे सुनकर सभी चूहों का मुंह उतर गया चूहे ने कहा कि यह सब तो ठीक है लेकिन जब तक हम बिल्ली के गले में घंटी नहीं बांध देते तब तक हम असुरक्षित हैं। आप सब पहले यह बताओ कि बिल्ली के गले में आखिर घंटी कौन बांधे गा यह बात सुनकर सभी चूहे एक दूसरे के मुंह को देखने लगे वहां पर जैसे एक सन्नाटा सा छा गया और यह बात सुनकर सभी चूहों को बहुत निराशा हुई है और इसी बीच वहां पर बिल्ली के आने की भी आहट सुनाई दी फिर एकदम से सभी छुए जाकर अपने बिल में छुप गए। चूहों को इस सुझाव को भी कैंसिल करना पड़ा और धीरे-धीरे बिल्ली सभी चूहों को खाती चली गई।

इस कहानी से क्या सीख मिलती है। 

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सिर्फ योजना बना लेने से काम नहीं होता उस योजना को लागू भी करना होता है इस बारे में भी सोचना चाहिए पहले ही उस चीज का जशन नहीं मनाना चाहिए। और कोई ऐसी योजना नहीं बनानी चाहिए जिसमें आप कभी भी कामयाब ना हो।

निष्कर्ष।

हमारे द्वारा सुनाई गई  बिल्ली के गले में घंटी की कहानी | Hindi kahaniHindi story आपको पसंद आई होगी अगर यह कहानी आपको अच्छी लगी तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमें कमेंट बॉक्स में बताएं आपको यह कहानी कैसी लगी। 

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सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहानी | farmer and golden egg story in Hindi

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब। हम आज आपके लिए लेकर आए हैं एक बहुत ही अच्छी कहानी, इस Hindi Kahani का नाम है सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहानी। इस Hindi story में हमने बताया है कि लालच इंसान को किस हद तक अंड बना देता है और उसको कैसे बर्बाद कर देता है। आइए पढ़ते हैं पूरी कहानी और कुछ सीखते हैं और मनोरंजन करते हैं। 

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हिंदी कहनी – Hindi story

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सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहानी | farmer and golden egg story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक छोटे से गांव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था मैं एक गरीब किसान था वह दिनभर खेतों में मजदूरी किया करता था लेकिन उसके परिवार की संख्या ज्यादा थी इसलिए वह उनका पालन पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करता था कड़ी मेहनत करने के बाद भी वह दो वक्त की रोटी जुटाने में असमर्थ था। 

कहानी संग्रह | कहनी पंचतंत्र

इसी लाचारी को देखते हुए वह किसान हमेशा बहुत दुखी रहता था और वह धन कमाने के लिए नए-नए तरीके खोजते रहता था और उनके बारे में सोचता रहता था उसकी है स्थिति देखकर उसके एक दोस्त ने मुर्गी पालन करने का सुझाव दिया उसके दोस्त ने बोला कि अगर तुम खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन भी करोगे और मुर्गियों के अंडे भेजोगे तो तुम्हारी कमाई अच्छी होगी और इससे तुम अपने परिवार का भी पालन पोषण अच्छे से कर पाओगे अपने दोस्त की यह बात सुनकर किसान बहुत परेशान हुआ।

Hindi story | kahani hindi

फिर किसान बोला लेकिन भाई मुर्गी पालन खोलने के लिए बहुत सारे पैसों की जरूरत पड़ेगी लेकिन मेरे पास तो पैसा नहीं है ऐसे में मैं क्या मुर्गी पालन खोलूंगा और क्या अंडे बेचूंगा किसान की है बात सुनकर उसका दोस्त बोला भाई तुझको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है तुम थोड़े पैसे मुझसे ले लो और 8, 10 मुर्गी खरीद लो और जब आपके पास बाद में पैसे आ जाएंगे आप मुझे लौटा देना अपने मित्र की यह बात सुनकर किसान बहुत खुश हुआ और उसने मुर्गी पालन खोलने के लिए कुछ पैसे अपने दोस्त से उधार ले लिए।

छोटी कहानी | short story in Hindi

अगले ही दिन किसान बाजार की ओर निकल पड़ा और उसने वहां से आठ से 10 मुर्गियां खरीद ली मुर्गियां खरीदने के बाद उसके पास जो पैसे बचे उससे किसान ने मुर्गियों का गाना खरीद लिया मुर्गियों का दाना और मुर्गियां लेने के बाद वह किसान तुरंत अपने घर की ओर निकल पड़ा क्योंकि उसको खेत पर भी जाना था फिर वह घर पर लुटा और घर पर लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी को आवाज लगाई और बोला देखो मैं मुर्गी ले आया हूं इनको ले जाइए और उनको अच्छे से पाली है उनको दाना पानी दे दीजिए और कल से यह मुर्गी जितने भी अंडे देंगे उनको भेजकर हम अच्छी खासी कमाई करेंगे।

Kids story in Hindi | बच्चो की कहनी

पत्नी किसान की यह बात सुनकर बहुत खुश हुई और उसने किसान से मुर्गियां और दाने ले लिए फिर किसान अपनी पत्नी को मुर्गी और दानत हम आकर खेत की ओर रवाना हो गया और जब दिनभर खेत में काम करने के बाद किसान घर पर आया वह अपनी पत्नी को देखकर एकदम हैरान हो गया उसकी पत्नी मेले गंदे कपड़े पहनती थी लेकिन किसान ने उसको एक अलग ही सौंदर्य में देखा उसकी पत्नी ने चमकदार रेशमी साड़ी पहनी हुई थी और हाथों में उसकी सोने की चूड़ियां और गले में मोतियों का हार था। 

हिन्दी कहानी संग्रह | मजेदार कहानी

यह सब देखकर किसान के होश उड़ गए और उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसकी पत्नी के पास अचानक इतना धन कैसे आ गया और एहसास की पत्नी के हाथ क्या लग गया जिससे वह इतनी बदल गई कि उसने नए नए कपड़े हीरे जवाहरात खरीद लिए फिर उसने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपनी पत्नी से पूछा कि यह सब क्या है और यह सब तू कहां से लाई फिर उसकी पत्नी मुस्कुरा कर बोली कि बस यूं समझ लीजिए हम पर ईश्वर की कृपा हो गई।

हिंदी कहानी | Hindi story

किसान फिर जाट से बोला कि अरे बताओ ऐसा क्या हुआ फिर उसकी पत्नी बोली आप जमुरिया लाए थे उनमें से एक मुर्गी सोने का अंडा देती है और इतना सुनते हैं किसान हक्का-बक्का रह गया और कहने लगा क्या तुम सच कह रही हो पत्नी बोली हां सच में मुर्गी सोने का अंडा देती है इतना कहते ही पत्नी ने किसान के हाथ में रुपयों से भरे हथेली को थमा दिया। 

रोचक कहानी इन हिंदी

सोने के अंडे के बारे में जानकारी किसान बहुत ज्यादा खुश हुआ लेकिन वह अपनी तसल्ली के लिए यह सब अपनी आंखों से देखना चाहता था इसके लिए वह सुबह-सुबह मरीजों के पास बैठ गया फिर उसने देखा कि उसके सामने एक मुर्गी ने सोने का अंडा दिया जैसे किसान ने वह सोने का अंडा देखा तो किसान खुशी से फूले नहीं समा या किसान की खुशी का कोई भी ठिकाना नहीं था उसने अंडे को हाथ में उठाया और अपनी पत्नी के पास गया और बोला तुम सच कहती थी मुर्गी सोने का अंडा देती है अब हम गरीब नहीं रहेंगे अब हम दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन जाएंगे।

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किसान की यह बात सुनकर उसकी पत्नी बोली आप पागल हो गए हैं क्या एक अंडे से बना कौन अमीर बनता है लोगों के पास तो बहुत सारा सोना है पत्नी के इस तरह के तंज़ पर किसान बोला सोचो अगर मुर्गी हर रोज एक सोने का अंडा देती है तो उसके पेट में कितने सारे हैं सोने के अंडे मौजूद होंगे क्यों ना हम एक साथ सभी अंडे निकाल ले किसान की यह बात सुनकर उसकी पत्नी थोड़ी देर सोचते हैं थोड़ा सोचने के बाद उसको अपने पति की बात जच जाती है रसोई घर में जाती है और एक धाराधार चाकू लेकर आती है।

हिंदी में कहानी 

किसान अपनी पत्नी के हाथ से और चाकू ले लेता है और फिर एक ही बार में मुर्गी का पेट चीर देता है लेकिन पेट के फटने के बाद वह मुर्गी मर जाती है और किसान के हाथ एक भी अंडा नहीं लगता और यह देखकर किसान और उसकी पत्नी बहुत ज्यादा दुखी होते हैं उनको अपने किए पर पछतावा होता है उनको समझ आता है कि हम लालच में अंधे हो गए थे इसलिए हमसे हमारा सब कुछ छीन गया।

इस कहानी से हमको क्या सीख मिलती है।

सोने का अंडा देने वाली मुर्गी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी मनुष्य को लालच में आकर कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए कि जिससे उसका नुकसान हो जाए हमें जितना मिल रहा है हमें उसी में खुश रहना चाहिए अगर ज्यादा की लालसा करेंगे तो जो हमारे पास है हम वह सब भी गवा देंगे आपने वह कहावत तो सुनी ही होगी लालच बुरी बला है।

निष्कर्ष।

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अकबर बीरबल की कहानी – चीनी और रेत को अलग करने की परीक्षा | हिंदी कहानी – Hindi story

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप। हम आज आपके लिए लेकर आए हैं एक नई अकबर बीरबल की कहानी जिसमें बीरबल की चतुराई को बताया गया है और इस कहानी से क्या सीख मिलती है उसके बारे में भी दर्शाया गया है कृपया कहानी को ध्यानपूर्वक पढ़ें और मनोरंजन करें। हिंदी कहानी | Hindi Story

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अकबर बीरबल की कहानी | हिंदी कहानी – Hindi Story

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अकबर बीरबल की कहानी चीनी से रेत अलग करना | Hindi story

प्राचीन समय की बात है एक बार ताजा खबर अपने सभी मंत्री गण के साथ दरबार में बैठे हुए थे और वहां पर बीरबल भी बैठे थे सभी की किसी मुद्दे पर कार्यवाही चल रही थी उस राज्य के सभी लोग अपनी समस्याएं लेकर दरबार में उपस्थित हो रहे थे और इसी बीच वहां पर एक आदमी पहुंचा उस आदमी के एक हाथ में मर्तबान था। और वहां पर जितने भी मंत्री गण उपस्थित थे उन सब की नजर उस मर्तबान पर थी तभी बादशाह अकबर ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बोला कि आपके हाथ में जो यह मर्तबान हैं इसमें क्या है।

Hindi story | हिंदी कहानी

उस इंसान ने बोला कि महाराज इस मर्तबान में जैक और चीनी का मिश्रण है फिर अकबर ने पूछा यह मिश्रण किस लिए फिर दरबारी बोला माफ करना हुजूर लेकिन मैंने बीरबल की बुद्धिमता के बहुत ज्यादा चर्चे सुने हैं बस इसी उद्देश्य से मान की परीक्षा देना चाहता हूं मैं यह चाहता हूं कि मंत्री बीरबल बिना पानी का इस्तेमाल करे हुए इस रेत से चीनी का एक-एक दाना अलग कर दें यह बात सुनकर वहां पर उपस्थित सभी लोग बीरबल की ओर देख रहे थे।

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फिर बादशाह अकबर बोले बीरबल देखिए कैसे आप इस व्यक्ति की समस्या का समाधान कर सकते हैं कैसे आप इसको अपनी बुद्धिमता का परिचय दे सकते हैं फिर बीरबल ने थोड़ा मुस्कुराया और कहा महाराज चिंता करने की कोई बात नहीं है यह आराम से हो जाएगा और यह तो मेरे दाएं हाथ का खेल है बीरबल की हवा सुनकर सभी लोग हैरान हो गए सभी यह सोचने लगे कि बीरबल ऐसा क्या करेंगे जिससे रेट और चीनी दोनों अलग अलग हो जाएंगे।

छोटी कहानी इन हिंदी | Small story in hindi

तभी बीरबल उठे उन्होंने उस आदमी के हाथ से वह मर्तबान ले लिया और महल के अंदर जो बगीचा था मैं उसकी ओर चले गए और बीरबल के पीछे वह व्यक्ति भी था जिसका यह सवाल था की रेट और चीनी को कैसे अलग करें वहां पर एक आम का पेड़ मौजूद था बीरबल उस आम के पेड़ के नीचे पहुंच गए और जो उनके हाथ में रेत और चीनी का मिश्रण था वह उसको पेड़ के चारों ओर फैलाने लगे तभी उस व्यक्ति ने पूछा यह आप क्या कर रहे हैं तभी बीरबल ने बोला यह सब आपको कल पता चल जाएगा यह सब करने के बाद में दोनों महल में वापस आ गए अब सभी को सुबह होने का इंतजार था जब अगले सुबह राजा अकबर का दरबार लगा तो सभी वहां पर मौजूद हुए और वहां पर लेख और चीनी का मिश्रण लाने वाला व्यक्ति भी आ गया और फिर सभी आम के पेड़ के पास आए।

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सभी ने वहां देखा कि आम के पेड़ के नीचे सिर्फ रेत पड़ी हुई है और जो रात में चीनी मिली हुई थी उसको सभी चीटियों ने निकाल कर अपने बिल में इकट्ठा कर लिया था और जो कुछ चीनी बची हुई थी उस जीने को उठाकर कुछ चिड़िया पेड़ पर ले जा रही थी और कुछ अपने बिल में ले जा रही थी फिर यह देखकर उस व्यक्ति ने पूछा कि सरकार चीनी कहां गई तो फिर बीरबल ने बोला कि देखो जीत से चीनी अलग हो गई हो फिर वहां पर उपस्थित सभी मंत्री गाना बहुत जोर से हंसने लगी बीरबल की इस तरह की चतुराई देखकर राजा अकबर ने उस व्यक्ति से कहा कि अगर तुमको चीनी चाहिए तो आप चीटियों के बिल में घुस सकते हैं राज्य की यह बात सुनकर सभी मंत्री गण फिर से हंसने लगे और बीरबल की तारीफ करने लगे।

इस कहानी से क्या सीख मिलती है।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम किसी को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं तो वह आपके लिए भी हानिकारक हो सकता है इसलिए कभी किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए।

निष्कर्ष।

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मेंढक और चूहे की बहुत अच्छी कहानी | Hindi story – Hindi Kahnai

हेलो दोस्तो कैसे है आप सब। आज हम आपके लिए लेकर आए है एक बहुत ही अच्छी मोटिवेशनल ” मेंढक और चूहे की कहानी ” इस कहानी में हमने मेंढक और चूहे की दोस्ती और दगाबाजी को दरसाया है और इस कहानी से की शिक्षा मिलता है वो भी बताया है कृप्य कहनी ध्यानपूर्वक पढ़े और एंजॉय करे।

हिंदी कहानी | Hindi Story

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मेंढक और चूहे की कहानी | Hindi Story 

हिंदी कहानी – प्राचीन काल की बात है एक जंगल के अंदर एक छोटा सा जलाशय था और उसके अंदर एक मेंढक रहा करता था और वह एक दोस्त को ढूंढ रहा था फिर एक दिन उसे जलाशय के पास एक पेड़ था उस पेड़ में से एक चूहा निकला और चूहे ने मेंढक को देखा मेडल बहुत उदास लग रहा था तब चूहे ने मेंढक से पूछा तू उदास क्यों हो फिर इस पर मेंढक ने कहा कि मेरा कोई भी दोस्त नहीं है जिससे मैं बात कर सकूं मिल सकूं अपना दुख सुख बांट सकूं और इतना सुनने के बाद चूहे ने बड़ी सहजता से कहा आज हम दोनों दोस्त हैं तुम मुझे अपना दोस्त ही समझो और मैं तुम्हारे साथ हर समय रहूंगा और चूहे की यह बात सुनकर मेंढक भी बहुत खुश हो गया। 

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दोनों की दोस्ती अच्छी हो गई और दोस्ती होने के बाद दोनों घंटे तक बात करते रहते थे मेंढक कभी-कभी अपने जरा से से निकलकर पेड़ के नीचे चूहे का जो बिल था वह उसमें चला जाता  था या कभी-कभी वह दोनों जलाशय के बाहर बैठकर बहुत सारी बातें किया करते थे ऐसे ही उनकी दोस्ती धीरे-धीरे बहुत गहरी होती चली गई मेंढक और चूहा एक दूसरे से अपने मन की बात है हमेशा शेयर करते थे ऐसे ही एक दिन मेंढक सोचने लगा कि मैं चूहे से बात करने के लिए उसके दिल के अंदर चला जाता हूं लेकिन चूहा कभी जलाशय में नहीं आता और यही सोच कर मेंढक ने चूहे को पानी में लाने की एक योजना बनाई। 

रोचक कहानी इन हिंदी | Motivational story in hindi

मेंढक ने चालाकी दिखाते हुए अपने दोस्त चूहे से कहा कि हमारी दोस्ती बहुत गहरी हो गई है फिर मेंढक ने कहा अब हमको कुछ ऐसा कहना चाहिए कि जब हमें एक दूसरे की याद आए तो एक दूसरे को आवास हो जाना चाहिए चूहे ने इस बात पर बोला कि बिल्कुल जरूर ऐसा होना चाहिए लेकिन हम करेंगे क्या। चालाक मेंढक था उसने बोला एक रस्सी के जरिए मैं अपने टांग बांध लेता हूं और दसवीं के दूसरे हिस्से से तुम्हारी पूछ बांध लेता हूं इस तरह से जब भी हमें एक दूसरे की याद आएगी हम उस रस्सी को खींच लेंगे जिससे हमें पता चल जाएगा कि वह हमें याद कर रहा है 

मजेदार कहानी | hindi kahani

लेकिन जुआ सीधा साधा था उसको मेंढक की है दोस्त भरी चालाकी भरी बातों का जरा भी अंदाजा नहीं था इसलिए चूहा भी उसकी बात के लिए राजी हो गया। मेंढक ने चूहे की पूछ में रस्सी बांधी और रास्ते का एक छोर अपने पैर में बांध लिया फिर मेंढक ने पानी के अंदर छलांग लगा दी मेंढक बहुत खुश था उसकी तरकीब काम आ गई थी से जो चूहा जमीन पर रहता था उसकी पानी है हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी वह बहुत देर तक झटपटा ता रहा फिर अंत में चूहे की मृत्यु हो गई। 

छोटी कहानी इन हिंदी | Small story in Hindi

और एक बार जो आकाश में उड़ रहा था वह यह सब दृश्य देख रहा था उसने जब चूहे को पानी के अंदर मरा हुआ करते हुए देखा तब बांधने तुरंत उसको मुंह में दबाया और उसको लेकर उड़ गया और जो मेंढक था वह भी चूहे से बंधी रस्सी में बंधा हुआ था इसीलिए वह भी बाज की चपेट में आ गया मेंढक को पहले तो कुछ समझ नहीं आया कि क्या किया जाए फिर वह सोचने लगा कि वह आसमान में उड़ कैसे रहा है जैसे फिर उसने ऊपर देखा तो वह एकदम से हम गया उसने देखा कि बाज मेंढक के जरिए उसे भी उड़ाई ले जा रहा है यह सब देखकर मेंढक बहुत ज्यादा डर गया और भगवान से अपने जीवन की भीख मांगने लगा लेकिन बाज उसको कहां छोड़ने वाला था चूहे के साथ-साथ बाजे मेंढक को भी निकल गया। 

मेंढक और चूहे की कहानी से आपको क्या सीख मिली।

जब हम दूसरों को नुकसान पहुंचाने की सोच रखते हैं तो उसकी सजा भी हमें जरूर मिलती है हमको भी उस चीज का नुकसान उठाना पड़ता है आपने वह कहावत तो सुनी होगी जैसी करनी वैसी भरनी। इसलिए आप भी दुष्ट लोगों से बचें और उनसे दोस्ती ना करें और हर किसी की हां में हां अभी नहीं मिला नहीं चाहिए अपनी बुद्धि का भी इस्तेमाल करना चाहिए। 

निष्कर्ष।

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Best hindi story | कर्मों का फल कैसा होता है जानिए। सच्ची घटना पर आधारित कहानी।

कर्मों का फल कैसा होता है। हिंदी कहानी सच्ची घटना पर आधारित (Best Hindi story, Motivational hindi story, story for kids and youth, moral story in hindi)

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कर्मों का फल (Best Hindi story)

क्या कर्मों का फल सभी को मिलता है क्या वह फल अच्छा होता है या बुरा क्या बुरे कर्मों के फलों से बचा जा सकता है ऐसे सवाल हर किसी के मन में उठते हैं हमेशा से एक विश्वास चला आ रहा है कि अच्छे कर्मों का फल अच्छा और बुरे कर्मों का फल बुरा मिलता है 

अब आपकी धारणा या जीवन में अनुभव कुछ भी हो सकता है इस पर हम कोई भी विवाद न करते हुए यह कहानी इस विषय पर आपको बताते हैं।

कर्मों का फल कैसा होता है। (motivational story)

बात बहुत पुरानी नहीं है एक छोटे से शहर की सेवा के बाहर एक पहाड़ था और उसके आस पास बहुत सारी खाली जमीन थी जहां पर कोई नहीं रहता था शहर में एक कलाकार रहता था जिसकी बहुत ज्यादा रचनात्मक सोच थी और और अध्यात्मा में गहरी रूचि भी थी

एक बार घूमते घूमते पैक कलाकार उस पहाड़ के पास जा पहुंचा उसके मन में विचार आया क्यों ना पहाड़ से गिरे हुए इन पत्थरों से कुछ देवी देवताओं की मूर्तियां बनाऊं अब उस जगह पर रोज आने लगा। और उसने उन पत्थर को तराश कर सुंदर सुंदर मूर्तियां बना डाली मूर्तियां देखने में वाकई में बहुत Beautiful थी 

धीरे-धीरे यह बात पूरे शहर में फैल गई पहले तो कुछ लोग आए लेकिन धीरे-धीरे वहां पर बहुत सारे लोग उन मूर्तियों को देखने के लिए आने लगे कुछ लोगों ने पैसे इकट्ठा करके कलाकार को दिए और उसने एक मंदिर रूपी भवन का निर्माण भी करवा लिया और उन मूर्तियों को वहां रखवा दिया।

धीरे-धीरे उस शहर और आसपास के गांव में भी उस मंदिर मैं रखी मूर्तियों की बात फैल गई अब वह स्थल एक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थान बन चुका था लोग दूर-दूर से आने लगे अब तो मानो रोज ही वहां भीड़ रहती थी और श्रद्धालु आदमियों ने मूर्तियों के आगे धन भी चढ़ाना शुरू कर दिया धीरे-धीरे दिन बीते चले गए और वहां पर चढ़ाए गए चढ़ावे से तिजोरिया बढ़ती चली गई।

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उस स्थान की लोकप्रियता को देखते हुए लोग अपने अपने काम भी वहां पर जमाने लगे जैसे कि वहां पर टैक्सी वालों ने गाड़ियां चला दी और दुकानदारों ने आसपास खाने पीने का और अन्य सामान बेचना शुरू कर दिया यहां तक कि बिल्डरों ने भी प्रॉपर्टी डेवलप करके भेजने शुरू कर दी कुछ वर्षों बाद कारीगर अर्थात जोश भवन का मालिक था वह अचानक बीमार पड़ गया।

डॉक्टरी जांच के बाद पता लगा उसे कोई भयानक और जानलेवा रोग है और डॉक्टर ने उसे यहां तक कह दिया कि अब उसके पास कुछ ही दिन बचे हैं जब सब कुछ इतना अच्छा चल रहा था उस समय यह भयानक रोग यह सोच कर वह इंसान बहुत दुखी हो गया और वह रोता ही रहता था अब वह अक्सर भगवान को ताने देने लगा कहता था कि मैंने तुम्हारी इतनी सेवा करी तुम्हारे लिए इतना प्रचार करें और बदले में तुमने मुझे यह फल दिया यह तो सरासर अन्याय है

फिर एक रात उसने एक सपना देखा जिसमें भगवान उसके सामने आए और बोले तुम मुझे किस बात के ताने दे रहे हो ठीक है तुमने मेरे नाम से भवन का निर्माण कराया और मूर्तियां भी बनाई।

परंतु याद करो वह दिन जब एक अनाथ बच्चा तुम्हारे पास रोते बिलखते हुए आया तो तुमने उसे अपना गुलाम बना डाला 

याद करो और बूढ़ा भिखारी जिसे तुमने सहारा और खाना देने की वजह धक्के मार कर दूर भगा दिया 

और याद करो वह दिन जब बहुत वर्षा हो रही थी तब तुमने एक मां को उसके छोटे से बच्चे को मंदिर के प्रांगण से यह कह कर हटवा दिया कि अब मंदिर बंद करने का समय हो रहा है वह दोनों बहुत देर तक बारिश में भीगते रहे 

याद करो जब कुछ बुजुर्ग इकट्ठा होकर तुम्हारे पास धन की मदद मांगने आए जिससे वह गरीबों के लिए एक स्कूल खोलना चाहते थे धन तो तुम्हारे पास पर्याप्त था परंतु तुमने कहा जाओ सरकार से मदद मांग लो 

क्या तुमने अभी भी एक विधवा महिला को बंधुआ मजदूर की तरह नहीं रखा हुआ है पूरा दिन तुम उस से काम लेते हो और बदले में देते हो केवल दो रोटी। 

भगवान ने पूछा कितने सारे बुरे कर्मों के बाद तुम मुझे किस अधिकार से ताने दे रहे हो तुम्हें तुम्हारे कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ेगा तुमने जो दुष्कर्म किए हैं उसका दंड भी तुम्हें अवश्य मिलेगा बस उसी समय कलाकार की नींद खुल गई और अब उसकी आंखें भी खुल चुकी थी अब वह अपने द्वारा किए गए बुरे कर्मों की वजह से वह शर्मिंदा था। अब वह कलाकार क्या करता अब वह मजबूर था कर्मों का फल भुगतने के लिए।

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दोस्तों हमें इस कहानी से बहुत अच्छी सीख मिलती है हम जैसा करते हैं उसका फल हमें किसी ना किसी रूप में जरूर मिलता है अब यह पर अच्छा होगा या बुरा यह मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों पर ही निर्भर करता है

एक बहुत अच्छी कहावत है कि जैसा बोवगे वैसा काटोगे अगर बबूल का पेड़ बोया है तो हम आम नहीं खा सकते हमको कांटे ही मिलेंगे इसलिए हमेशा परोपकारी और शुभ कर्म ही करते रहना चाहिए और निष्काम भावना से दूसरों की मदद भी करनी चाहिए।

भगवत गीता में भी कहा गया है कि कर्म करो फल की चिंता मत करो

तो दोस्तों कैसी लगी कहानी मैं आशा करता हूं आपको इस Story से कुछ सीख जरूर मिली होगी ऐसी ही Best hindi story और अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब करें। अपना कीमती समय देने के लिए धन्यवाद आपका दिन शुभ हो।